झारखंड

आबादी के अनुरूप हो बजट का आवंटन

Admin Delhi 1
6 Feb 2023 7:07 AM GMT
आबादी के अनुरूप हो बजट का आवंटन
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राँची न्यूज़: आम बजट नीति आयोग के आबादी के अनुरूप बजट का आवंटन होना चाहिए. यह मांग एचआरडीसी सभागार में हुई प्रेसवार्ता में दलित आर्थिक अधिकार आंदोलन से जुड़े कार्यकर्ताओं ने की.

उन्होंने कहा कि एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया. जिसने उन्होंने अमृतकाल की बात कही. परंतु मंहगाई के सारे रिकार्ड टूट चुके है, पिछले कुछ सालों में बेरोजगारी भी बढ़ती जा रही है. परंतु बजट में इन चुनौतियों से निपटने की कोई राह नहीं सुझाई गई.

वक्ताओं ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 का कुल बजट 49,90,842.73 करोड़ रुपये है. जिसमें अनुसूचित जाति कल्याण के लिए कुल आवंटन 1,59,126.22 करोड़ रुपये और अनुसूचित जनजाति के लिए कुल आवंटन 1,19,509.87 करोड़ रुपये है. इसमें से दलितों को पहुंचने वाली लक्षित राशि 30,475 करोड़ रुपये है. जबकि आदिवासियों को पहुंचने वाली लक्षित राशि 24,384 करोड़ रुपये है. वकताओं ने कहा कि कुल अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति बजट में से करीब 50 फीसदी आवंटन वाली 46 योजनाएं सामान्य योजनाएं है. जिसमें अनुसूचित जाति-जनजाति समुदाय के लिए कोई लक्ष्य तय नहीं किया गया है. हमारी मांग है कि सभी संबंधित मंत्रालयों को नीति आयोग और वित्त मंत्रालय की ओर से स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करने और पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित करने का दिशा-निर्देश जारी किया जाना चाहिए.

इसके अलावा 50,000 करोड़ रुपये अप्रासंगिक योजनाओं के लिए आवंटित की गई है, जिनका जनजाति-जाति विकास और कल्याण से संबंधित कोई संबंध नहीं है. इस बजटीय राशि को एमएसजीई और एमओटीए को वापस लौटाया जाना चाहिए. इसके अलावा अधिकार आंदेालन के कार्यकर्ताओं ने नौ सूत्री मांग सरकार से की है.

नेशनल कैम्पेन ऑन दलित राइटस के राज्य संयोजक मिथिलेश कुमार, आदिवासी मामलों के विशेषज्ञ सुनिल मिंज, भोजन का अधिकार अभियान के बलराम, संयोजक अशरफी नंद प्रसाद, युनाईटेड मिल्ली फोरम के अफजल अनीश, झारखंड नरेगा वॉच के संयोजक जेम्स हेरेंज के अलावा जॉनसन तोपनो, एलेक्स केरकेट्टा व तेलेस्फोर एक्का मौजूद थे.

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