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फाइल फोटो
झारखंड के देवघर से दिल्ली के लिए शनिवार से सीधी विमान सेवा शुरू होगी।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। झारखंड के देवघर से दिल्ली के लिए शनिवार से सीधी विमान सेवा शुरू होगी। दिल्ली से देवघर और देवघर से दिल्ली के लिए हवाई सेवा शुरू होगी।
इंडिगो की 180 सीटर फ्लाइट 6ई 6191 दिल्ली से 1 बजे उड़ान भरकर 1 घंटे 45 मिनट की यात्रा कर दोपहर 2.45 बजे देवघर पहुंचेगी। बिहार के सारण लोकसभा क्षेत्र से सांसद राजीव प्रताप रूडी व कैप्टन आशुतोष शेखर विमान के पायलट होंगे। दिल्ली की पहली फ्लाइट को वाटर सैल्यूट देने की भी तैयारी है।जानकारी के मुताबिक, दिल्ली से इंडिगो की फ्लाइट 30 जुलाई की दोपहर एक बजे उड़ान भरेगी और दोपहर 2.45 बजे देवघर एयरपोर्ट पहुंचेगी। वापसी में यह फ्लाइट दोपहर 3.15 बजे उड़ान भरेगी और शाम 5.20 बजे दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचेगी।
इधर, दिल्ली से देवघर की पहली फ्लाइट का पहला टिकट भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कराया है। उनके साथ सांसद व भोजपुरी फिल्म स्टार मनोज तिवारी, गोरखपुर सांसद रवि किशन, आजमगढ़ सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ, सांसद अनुराग शर्मा, सांसद प्रवेश वर्मा, सांसद सुनील सिंह, सांसद कमलेश पासवान व सुब्रत पाठक, सांसद रवींद्र कुशवाहा, पूर्व मंत्री शाहनवाज हुसैन व फिल्म अभिनेता शेखर सुमन भी आएंगे।
देवघर विमानपत्तन की तकनीकी जानकारी देते हुए सांसद राजीव प्रताप रूढ़ी ने बताया कि समुद्रतल से 802 फीट की ऊंचाई पर स्थित देवघर एयरपोर्ट फिलहाल 654 एकड़ में फैला हुआ है। 2620 मीटर लंबा और 45 मीटर चौड़ा रनवे है जो एयरबस ए 320 और बोइंग 737 दोनों प्रकार के विमानों के लिए उपयुक्त है। भविष्य में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के रूप में विकसित हो सकता है।
यहां मध्य युरोप तक अंतरराष्ट्रीय उड़ान भरने वाले नये इंजन विकल्प के साथ ए 321 नियो विमानों को भी उतारा जा सकता है। 2 एयरबस ए 320 के लिए एक एप्रन, टैक्सीवे और एक आइसोलेशन से सुसज्जित हवाई अड्डा का 4 हजार वर्ग मीटर में प्रति घंटे 200 यात्रियों की क्षमता वाले टर्मिनल भवन का निर्माण किया गया है।
विमानों की सटिक लैंडिंग के लिए सटीक दृष्टिकोण पथ संकेतक की व्यवस्था भी देवघर हवाई अड्डे पर की गई है। देवघर हवाई अड्डा पर रिफ्यूलिंग की व्यवस्था नहीं है, जिस कारण विमान को पहले से ईंधन लेकर आना होगा। पूरब दिशा में हवाई पट्टी का उपयोग किया जा सकता है। देवघर हवाई अड्डे पर दुनिया की अत्याधुनिक लैंडिंग की व्यवस्था की गई है।
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