शराब नीति लागू होने के बाद मई से 31 दिसंबर तक का राजस्व 1225 करोड़ रुपये
राँची न्यूज़: झारखंड में शराब की बिक्री से आने वाला राजस्व अपने तय लक्ष्य से काफी पीछे है. सूचना के अधिकार के तहत विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, नई शराब नीति लागू होने के बाद मई से 31 दिसंबर तक का राजस्व 1225 करोड़ रुपये है, जबकि राज्य में कोविड के बावजूद बीते साल उत्पाद विभाग ने 2100 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त किए हैं.
शराब में राजस्व की कमी को लेकर झारखंड शराब व्यापारी संघ के सुबोध कुमार जायसवाल ने कहा है कि राज्य सरकार आगामी वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए नियमावली बनाए, इसके पहले शराब कारोबारियों के साथ विभागीय मंत्री व सचिव बैठक करें, ताकि राजस्व बढ़ोतरी का उपाय निकाला जा सके. सुबोध ने कहा कि वर्तमान में जो राजस्व दिखाया जा रहा है, वह विभाग के द्वारा शराब के उठाव पर दिखाया जा रहा है. जबकि बिक्री से खर्च काटकर जो प्राप्त होता है, उसे ही असल राजस्व माना जाता है. वर्तमान में जो राजस्व बताया जा रहा है, उसमें उत्पाद विभाग की देनदारी भी शामिल है.