झारखंड

6 साल बाद CBI करेगी जांच, हत्या का मामला

Admin4
8 July 2022 7:00 PM GMT
6 साल बाद CBI करेगी जांच, हत्या का मामला
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झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) ने रांची (Ranchi) के मशहूर सफायर इंटरनेशनल स्कूल (Sapphire International School) के छात्र विनय महतो (Vinay Mahato) की 6 साल पहले हुई हत्या की जांच सीबीआई (CBI) से कराने का आदेश दिया है. छात्र के पिता मनबहाल महतो की याचिका पर सुनवाई करते हुए बृहस्पतिवार को हाईकोर्ट ने ये आदेश पारित किया है. सीबीआई को 8 महीने में जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है.

पिता को किया गया गुमराह

रांची का ये बहुचर्चित मामला 4 फरवरी 2016 का है. रांची के सबसे महंगे बोर्डिंग स्कूल में शुमार सफायर इंटरनेशनल स्कूल में 7वीं कक्षा के छात्र विनय महतो की हत्या कर दी गई थी. विनय के पिता मनबहाल महतो को तड़के साढ़े तीन बजे फोन पर बताया गया कि उनका बेटा बीमार है. कहा गया कि उनके बेटे को गुरुनानक अस्पताल भेजा गया है. वो हॉस्पिटल पहुंचे तो उनका बच्चा वहां नहीं था. बाद में बताया गया कि उसे रिम्स भेज दिया गया है. मनबहाल महतो रिम्स पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि उनका बेटा विनय स्ट्रेचर पर मृत पड़ा था, उसे अकेले छोड़ दिया गया था. स्कूल के टीचर और स्टाफ तक वहां नहीं थे.

जांच में सामने आए चौंकाने वाले तथ्य

पिता की शिकायत पर हत्या का मामला दर्ज करने के बाद रांची पुलिस ने जांच शुरू की तो इसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. स्कूल से हासिल सीसीटीवी फुटेज में विनय महतो देर रात अपने कमरे से निकलकर टीचर्स रेसिडेंस की ओर से जाता दिखा था. पुलिस ने जांच के दौरान उसके ही स्कूल की शिक्षिका नाजिया हुसैन, उसके पति आरिफ अंसारी और नाबालिग बेटे और बेटी को गिरफ्तार कर उन्हें आरोपी बनाया था. पुलिस की जांच रिपोर्ट में बताया गया था कि शिक्षिका की पुत्री से विनय महतो की दोस्ती थी और ये बात उसके भाई को पसंद नहीं थी. इसी वजह से बहाने से बुलाकर उसकी हत्या कर दी गई थी और उसकी लाश बालकनी से नीचे फेंक दी गई थी.

जांच में सामने आए चौंकाने वाले तथ्य

पिता की शिकायत पर हत्या का मामला दर्ज करने के बाद रांची पुलिस ने जांच शुरू की तो इसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. स्कूल से हासिल सीसीटीवी फुटेज में विनय महतो देर रात अपने कमरे से निकलकर टीचर्स रेसिडेंस की ओर से जाता दिखा था. पुलिस ने जांच के दौरान उसके ही स्कूल की शिक्षिका नाजिया हुसैन, उसके पति आरिफ अंसारी और नाबालिग बेटे और बेटी को गिरफ्तार कर उन्हें आरोपी बनाया था. पुलिस की जांच रिपोर्ट में बताया गया था कि शिक्षिका की पुत्री से विनय महतो की दोस्ती थी और ये बात उसके भाई को पसंद नहीं थी. इसी वजह से बहाने से बुलाकर उसकी हत्या कर दी गई थी और उसकी लाश बालकनी से नीचे फेंक दी गई थी.

पिता ने की थी CBI जांच की मांग

2 आरोपियों के नाबालिग होने की वजह से बाल अदालत (जेजे कोर्ट) में इस मामले की सुनवाई हुई. 6 जुलाई 2018 को रांची जेजे कोर्ट के तत्कालीन प्रधान न्यायिक दंडाधिकारी राजीव त्रिपाठी की अदालत ने हत्याकांड के मुख्य आरोपी स्कूल की शिक्षिका के नाबालिग पुत्र-पुत्री को आरोप से बरी कर दिया था. इस फैसले को विनय के पिता मनबहाल महतो ने कोर्ट में चुनौती दी थी. उन्होंने सीबीआई जांच के लिए अक्टूबर 2017 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. वहां सुनवाई के बाद उन्हें हाइकोर्ट में अपील करने को कहा गया था. इसके बाद 8 मार्च 2018 को उन्होंने झारखंड हाइकोर्ट में सीबीआइ जांच के लिए याचिका दाखिल की थी, जिसपर सुनवाई के बाद बृहस्पतिवार को अदालत ने आदेश पारित किया.

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