आदित्यपुर : ईचा डैम को लेकर हुआ था मंत्री चम्पई का विरोध, उसी बात को फिर दोहराया
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पिछले दिनों जिस ईचा डैम के स्वरूप बदलकर डैम निर्माण की बात कहने को लेकर आदिवासी कल्याण मंत्री चम्पई सोरेन का जबरदस्त विरोध हुआ था उनका पुतला जलाया गया था उसी बात को मंत्री चम्पई सोरेन ने फिर दोहराया है. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मंत्री ने लगातार के प्रतिनिधि से बात करते हुए कहा कि बगैर कृत्रिम जल संसाधन के किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जाना मुश्किल है. आज पूरा प्रदेश सुखाड़ की चपेट में है ऐसे में हमारी सरकार ने ईचा डैम का स्वरूप बदल कर डैम निर्माण की योजना बनाई है, बदले गए डैम के स्वरूप से एक भी गांव नहीं डूबेगा और किसानों के खेतों तक पाइप लाइन से 12 महीने पानी भी पहुंचेगी. उन्होंने कहा कि इसके अलावा 20 हजार हेक्टयर से अधिक खेतों तक पाइपलाइन से पानी पहुंचाने की योजना झारखंड सरकार की है. उन्होंने कहा कि खनिज संपदा से परिपूर्ण झारखंड में इस वर्ष सुखाड़ की स्थिति है. अगर कृत्रिम सिंचाई व्यवस्था होती, तो शायद आज किसानों को सुखाड़ का सामना नहीं करना पड़ता. उन्होंने कहा कि राज्य गठन के बावजूद किसानों के खेतो में पानी नहीं पहुंच रहा है. नहर बना है, लेकिन उसमें पानी नहीं है. चांडिल डैम में पानी भरा पड़ा है, लेकिन किसानों के खेत सूखे हैं. ऐसे में सरकार ने संकल्प लिया है कि किसानों के खेत में पाइपलाइन से पानी पहुंचाया जाएगा. बहुप्रतीक्षित ईचा खरकई बांध परियोजना का स्वरूप बदला जाएगा और एक भी गांव को डूबने नहीं दिया जाएगा.
100 बेड वाला अस्पताल का कार्य जल्द होगा शुरू
उन्होंने कहा कि चाईबासा, मझगांव, तांतनगर, राजनगर के 20 हजार हेक्टेयर से अधिक गांवों में खेतों में पाइपलाइन से सिंचाई के लिए पानी पहुंचाया जाएगा. इस तरह गम्हरिया के गंजिया डैम से 10 हजार हेक्टेयर खेतों में पाइपलाइन से पानी पहुंचने एवं चांडिल डैम से भी खेतों तक पानी पहुंचाने का सरकार ने संकल्प लिया है. जिस पर कार्य शुरू हो गया है. सरायकेला में स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार करते हुए आईसीयू बेड सदर अस्पताल में शुरू कर दिया गया है. 100 बेड का अस्पताल का कार्य जल्द शुरू हो जाएगा. राजनगर के सोसोडीह एवं कुचाई में मेसो अस्पताल बनाया गया है, ताकि लोगों को निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा का लाभ मिले.
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निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत आरक्षण और खिलाड़ियों को सीधी नियुक्ति होगी. मंत्री चंपई ने कहा कि आदित्यपुर-गम्हरिया में 1400 से अधिक कंपनी है. स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार मिले इसके लिए 75 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है. जबकि खेल नीति के तहत खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करते हुए सीधी नियुक्ति का प्रावधान किया जा रहा है. आदिवासियों को रोजगार से जोड़ने के लिए 40 प्रतिशत सब्सिडी पर ऋण का भी प्रावधान किया गया है.