झारखंड

आदित्यपुर : मुख्य अभियंता ने कहा, 2023 में चांडिल डैम का जलस्तर 185 करने का लक्ष्य

Renuka Sahu
24 Aug 2022 4:23 AM GMT
Adityapur: Chief Engineer said, the target of raising the water level of Chandil Dam to 185 in 2023
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फाइल फोटो 

2023 में चांडिल डैम का जलस्तर 185 करने का लक्ष्य है, साथ ही डैम में तैयार हाइड्रल पावर प्लांट से आठ मेगावाट बिजली उत्पादन भी शुरू करने का लक्ष्य को प्राप्त करेंगे.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। 2023 में चांडिल डैम का जलस्तर 185 करने का लक्ष्य है, साथ ही डैम में तैयार हाइड्रल पावर प्लांट से आठ मेगावाट बिजली उत्पादन भी शुरू करने का लक्ष्य को प्राप्त करेंगे. उक्त बातें चांडिल कॉम्पलेक्स के मुख्य अभियंता अशोक कुमार दास ने लगातार संवाददाता से कही. उन्होंने कहा कि इस वर्ष डैम के क्षमता को 183 मीटर तक करना है और हमारा लक्ष्य इसे 185 मीटर तक ले जाने का है. उन्होंने बताया कि इसके अलावा डैम के ऊपरी सतहों पर सोलर ऊर्जा पैनल को बिछाकर वहां सौर ऊर्जा भी उत्पादन करने का लक्ष्य है. मुख्य अभियंता श्री दास ने बताया कि परियोजना को पूरा करने के लिए कुल राशि अब 13 हजार 600 करोड़ की हो चुकी है और परियोजना को अब 2026 अप्रैल तक का एक्सटेंशन भी मिला है. इस अवधि में ईचा डैम समेत इनके सभी 10 कंपोनेंट्स को पूरा करने की रणनीति भी तैयार कर ली गई है.

पुनर्वास के लिए 60 करोड़ रुपये आवंटन मिला है : अभियंता
उन्होंने बताया कि ईचा डैम का निर्माण भी राज्य सरकार के सहयोग से जल्द शुरू हो रहा है, इससे कई फायदे होंगे. उन्होंने बताया कि जहां ईचा डैम से ओड़िशा सरकार से किये गए करार को पूरा करेंगे वहीं इस क्षेत्र के किसानों को पाइप लाइन के जरिये उनके खेतों को सालों भर पटवन के लिए पानी दिए जाएंगे. चांडिल डैम से प्रभावित 116 गांव के लोगों को सुरक्षित तरीके से पुनर्वास कराने के लिए 60 करोड़ रुपये का आवंटन मिलने की बात मुख्य अभियंता श्री दास ने बताई. उन्होंने कहा कि नई पुनर्वास नीति की फाइल सरकार के पास भेज दी गई है. उस पर अगली कैबिनेट की बैठक में स्वीकृति मिलने की उम्मीद है जिसके बाद रुके हुए पुनर्वास के कार्य शुरू हो जाएंगे. बता दें कि 2012 में झारखंड सरकार ने पुनर्वास नीति बनाई थी जो 2017 में समाप्त हो गई थी. लेकिन रघुवर दास सरकार ने इसे पांच साल का एक्सटेंशन देकर पुनर्वास के कार्यों को जारी रखा था. वर्तमान सरकार के पास औऱ पांच वर्ष के एक्सटेंशन के लिए फ़ाइल भेजी गई है, जिसे कैबिनेट की स्वीकृति मिलते ही 2027 तक पुनर्वास नीति के तहत सभी कार्य पूरे कर सुवर्णरेखा परियोजना के सभी 10 कंप्नोनेंट्स को भी पूरा कर लिया जाएगा.
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