झारखंड

Adityapur : चंपाई का घर व कार्यालय का रंग हो रहा भगवा

Tara Tandi
28 Aug 2024 2:35 PM GMT
Adityapur : चंपाई का घर व कार्यालय का रंग हो रहा भगवा
x
Adityapur आदित्यपुर : जिलिंगोड़ा स्थित मंत्री चंपाई सोरेन का घर और महुलाडीह स्थित कार्यालय का रंग भगवा किया जा रहा है. बता दें कि अभी उनका मंत्री पद से इस्तीफा और भाजपा में शामिल होना बाकी है. लेकिन अभी से उन्होंने अपने पैतृक आवास को भगवा रंग में रंगवाना शुरू कर दिया है. बता दें कि पांच बार झामुमो से और एक बार निर्दलीय विधायक रहने के बाद अपने घर से करीब 40 साल बाद झारखंड की पहचान हरा रंग को उतार कर भगवा में रंगवा रहे हैं. इसलिए 40 वर्ष तक हरे रंग की हरियाली में डूबे चंपाई सोरेन को मानो अब हरे रंग से ही नफरत हो गई है. यही वजह है कि वे अपने आसपास से हरियाली हटाने में लग गए हैं. उन्होंने अपने दिल से झामुमो को मिटाने का निर्णय ले लिया है. दिल टूटते ही पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन झामुमो से जुड़ी यादों और निशानियों को एक-एक कर मिटाते जा रहे हैं. 40 साल तक झामुमो का झंडा ढोने वाले चंपई सोरेन अभी चंद दिनों पहले तक हरे रंग में सराबोर थे. घर में झंडे हरे. जीवन के 40 वर्ष तक हरे रंग की हरियाली में डूबे चंपई सोरेन को मानो अब हरे रंग से ही नफरत हो गई है. अब जबकि 30 अगस्त को चंपई सोरेन का भाजपा में जाना तय हो गया है तो उनके जिलिंगोड़ा आवास की दीवारों पर लगे हरे रंग को मिटाकर उसके ऊपर
भगवा रंग चढ़ाया जा रहा है.
अब घर पर तीर धनुष नहीं कमल फूल के झंडे लहरायेंगे
चंपाई सोरेन के आवास के एक कर्मचारी ने बताया कि दादा का फोन आया था. उन्होंने घर से हरा रंग को हटाकर उसे भगवा रंग में रंगने का निर्देश दिया है. जिस घर में 40 साल तक झामुमो का हरा झंडा लहराता था उसे तो एक हफ्ते पहले ही उतार दिया गया था. चंपई सोरेन के जिलिंगोड़ा पहुंचने से पहले घर में भाजपा का कमल फूल वाला झंडा लहराने लगेगा. बता दें कि उनके आवास पर गृह मंत्री अमित शाह के आगमन का भी प्रोग्राम बन रहा है. ऐसे में पूरे क्षेत्र को वे भगवा रंग और कलम फूल वाले झंडे से पाटना चाहते हैं. झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन के सबसे करीबी नेता माने जाते थे. चंपाई ने भी हर वक्त सोरेन परिवार के प्रति अपनी वफादारी साबित भी की. हेमंत सोरेन जब उन्हें मुख्यमंत्री बनाकर जेल चले गये तब भी चंपाई ने वफादारी साबित की. सरकार के कार्यक्रमों में बोलते थे कि हेमंत सोरेन को भाजपा ने साजिश के तहत जेल में डाल दिया है. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री बनने के बाद भी वे सीएम हाउस में नहीं रहे, बल्कि डीसी आवास के सामने स्थित अपने सरकारी आवास में रहे. चंपई का झामुमो से मोहभंग लोकसभा चुनाव के समय शुरू हो गया था. हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद जिस तरह से उन्हें विधायक दल की बैठक का एजेंडा नहीं बताया गया और सीधा इस्तीफा मांग लिया गया. इस वाकया के बाद चंपाई ने खुद को अपमानित महसूस किया. चंपई इसका जिक्र भी अपने एक्स पोस्ट में कर चुके हैं. यही वजह है कि झामुमो से टूटने के बाद अब चंपाई उससे जुड़ी हर याद और पहचान को मिटाना चाहते हैं.
Next Story