झारखंड

19 अफसरों पर कार्रवाई, वेतन पर लगाई रोक

Nilmani Pal
28 Oct 2021 3:34 PM GMT
19 अफसरों पर कार्रवाई, वेतन पर लगाई रोक
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जानें वजह

झारखंड के 19 जिला योजना पदाधिकारी के वेतन पर रोक लगा दी गई है. आकांक्षी जिला में संचालित योजना का प्रतिवेदन नहीं देने के चलते इन अधिकारियों के वेतन पर रोक लगाया गया है. योजना एवं विकास विभाग के सचिव ने राज्य के सभी डीसी को इस सिलसिले में पत्र भेजा है. पत्र में योजना प्रतिवेदन देने के उपरांत अक्टूबर माह का वेतन निर्गत करने का निर्देश दिया गया है. दरअसल नीति आयोग के द्वारा राज्य के 19 आकांक्षी जिलों में विभिन्न योजनाओं पर राशि खर्च का प्रावधान है. आकांक्षी जिलों को नीति आयोग 2 से 5 करोड़ रुपये तक देती है. योजना एवं विकास विभाग के पास आकांक्षी जिलों में खर्च होने वाली राशि का कोई ब्योरा नहीं भेजा गया है. स्वास्थ्य, कृषि और शिक्षा के क्षेत्र पर राशि खर्च की जाती है. इस सिलसिले में आकांक्षी जिलों को अपने स्तर पर योजना तैयार करने की छूट है.

झारखंड में कोडरमा, धनबाद, देवघर, जामताड़ा और सरायकेला- खरसांवा को छोड़ बाकी 19 जिले आकांक्षी जिलों में शामिल हैं. बता दें कि नीति आयोग की हालिया डेल्टा रैंकिंग में झारखंड के दो जिले सबसे पीछे पाये गये. नीति आयोग ने देश के 112 आकांक्षी जिलों की डेल्टा रैंकिंग जारी की. इसमें विकास के तय पैमानों पर देश में सबसे पीछे रामगढ़ है. रामगढ़ अंतिम 112 वें पायदान है, जबकि लातेहार को इस रैंकिंग में 111वां स्थान मिला. यह रैंकिंग जुलाई-अगस्त में हुए सर्वे के आधार पर जारी की गई. ज्ञात हो कि इससे पूर्व की डेल्टा रैकिंग में रामगढ़ टॉप रैंकिंग जिलों की सूची में 22वें और लातेहार 13वें स्थान पर आया था. विकास की योजनाओं में धीमी गति के कारण रैकिंग में दोनों जिले पिछड़े हैं. आकांक्षी जिलों की रैंकिंग का उद्देश्य पिछड़े जिलों में विकास की योजनाओं को गति देने के लिए विशेष केंद्रीय सहायता प्रदान करना है. नीति आयोग बेहतर प्रदर्शन करने वाले जिलों को बजट आवंटित करने में प्राथमिकता देता है. विकास के पैमाने पर बेहतर काम करने के कारण राज्य के नौ जिलों की रैकिंग में सुधार हुआ है, लेकिन 10 जिलों की रैंकिंग में गिरावट दर्ज की गई.

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