झारखंड
अब्दुल सत्तार चौधरी का परिवार 45 सालों से बना रहा तिरंगा, कहा- बचपन की यादें आज भी जहन में…
Renuka Sahu
15 Aug 2022 3:38 AM GMT
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फाइल फोटो
आज पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. आजादी के जज्बे को कायम रखते हुए देश भर में तिरंगा यात्राएं निकाली जा रही है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. आजादी के जज्बे को कायम रखते हुए देश भर में तिरंगा यात्राएं निकाली जा रही है. जात-पात, धर्म-पंथ, मजहब और राजनीति से उपर उठकर सभी देशवासी हिंदुस्तानी होने के गौरव में झूम रहे हैं. इसी कड़ी में रांची के रहने वाले अब्दुल सत्तार चौधरी के जहन में आज भी 15 अगस्त 1947 की यादें ताजा हो जाती हैं. जब उनके दादा अब्दुल वाहिद ने आजाद भारत में पहली बार तिरंगा झंडा फहराया था. इसी के साथ अब्दुल की यादें जुड़ती चली गईं और उन्होंने तिरंगे के निर्माण को ही अपना पेशा चुन लिया.
अब्दुल सत्तार चौधरी के झंडे की दुकान जहां उनके बेटे भी इस व्यवसाय से जुड़े हुए हैं.
45 सालों से बना रहे तिरंगा
रांची के अपर बाजार स्थित कशिश झंडा के नाम से इनकी दुकान है. 72 वर्षीय अब्दुल सत्तार चौधरी पिछले 45 सालों से राष्ट्रध्वज का निर्माण कर रहे हैं. चाहे स्वतंत्रता दिवस हो या फिर गणतंत्र दिवस रांची और इसके आसपास के जिले के लोग अब्दुल सत्तार की दुकान से राष्ट्रध्वज खरीद कर ले जाते हैं. पूछने पर अब्दुल कहते हैं तिरंगा बनाने का उत्साह ही कुछ और है. उन्होंने कहा कि जब मेरे दादा अब्दुल वाहिद ने पहली बार आजाद देश में तिरंगा झंडा फहराया था उस वक्त को याद कर आज भी झूम उठता हूं.
देश की आजादी में हर कौम के लोगों ने दी है शहादत
अब्दुल सत्तार न सिर्फ झंडा बनाने और बेचने का काम करते हैं. बल्कि हर एक ग्राहकों को तिरंगे का महत्व भी बताते हैं. साथ ही देश भक्ति की कहानी अपनी जुबानी भी सुनाते हैं. बातों ही बातों में अब्दुल सत्तार कहते हैं कि आज राष्ट्रभक्ति को भी परिभाषित कर दिया गया है. जबकि इस मुल्क की आजादी में हर एक कौम के लोगों ने जान की परवाह किए बगैर सर्वोच्च बलिदान दिया है. तभी यह तिरंगा ध्वज शान से लहराने की आजादी मिली है.
कोरोना के बाद लौटी कारोबार में रौनक
वहीं आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर इस बार तिरंगे के व्यवसाय में भी रौनक लौटी है. अब्दुल सत्तार के बेटे उमर खान कहते हैं कि कोरोना महामारी के बाद इस बार बाजार अच्छी रही है. ग्राहकों की भीड़ उमड़ी और 4 गुना व्यापार हुआ है.
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