झारखंड
रांची के एक मूर्तिकार ने गढ़ दी प्रतिमा, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सम्मान
Gulabi Jagat
25 July 2022 3:17 PM GMT
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सम्मान
रांचीः झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू अब देश की राष्ट्रपति बन गई हैं. आज़ादी के बाद पहली बार आदिवासी समाज की महिला देश के सर्वोच्च पद पर आसीन हुई हैं. उनको बधाई देने का तांता लगा हुआ है. जब द्रौपदी मुर्मू देश की 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ले रही थीं, उस वक्त रांची के मूर्तिकार राजेश प्रजापति उनकी पोट्रेट साइज मूर्ति पर आदर और सम्मान के रंग चढ़ा रहे थे.
जाहिर है राजेश प्रजापति ने मूर्ति बनाने का काम काफी पहले शुरू किया होगा. ईटीवी भारत की टीम को उन्होंने मूर्ति बनाने की वजह बतायी. उन्होंने कहा कि जब द्रौपदी मुर्मू जी झारखंड की राज्यपाल थीं, तब एक कार्यक्रम के दौरान आड्रे हाउस में उनको करीब से देखने का मौका मिला था. उनकी सादगी ने उन्हें बेहद प्रभावित किया था. लेकिन पिछले दिनों जैसे ही उन्हें पता चला कि द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने जा रही हैं तो खुशी का ठिकाना न रहा. उसी वक्त उन्होंने 3 डी इफेक्ट वाली 9 इंच की पोट्रेट साइज मूर्ति बनाने का फैसला लिया.
सुबह होते ही सबसे पहले इंटरनेट से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की तस्वीर निकाली. फिर मिट्टी से एक मॉडल तैयार किया. उन्होंने उस मॉडल को अपने आस पड़ोस के लोगों को दिखाया और पूछा कि यह किसकी तरह दिख रही है. लोगों ने कहा - ये तो द्रौपदी मुर्मू जी हैं. कंफर्म होते ही उन्होंने सांचा तैयार कर लिया. आज उनके पास राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की कई मूर्तियां हैं. उन्होंने कहा कि मूर्तियों के सूखते ही पेंटिंग का काम शुरू हो जाएगा. राजेश प्रजापति ने कहा कि इससे ज्यादा गर्व की बात और क्या हो सकती है कि एक पिछड़े आदिवासी समाज की महिला सर्वोच्च पद पर पहुंची हैं. वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलकर एक मूर्ति भेंट करना चाहते हैं.
राजेश प्रजापति रांची के बड़ा तालाब के पास कुम्हार टोली में रहते हैं. उन्होंने अबतक महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानंद और बाबा साहेब की पोट्रेट साइज मूर्ति बनायी है. मूर्तियों का रेट पत्थर, मेटल और प्लास्टर ऑफ पेरिस के आधार पर तय होता है. उन्होंने कहा कि मेरी उम्र करीब 54 साल है. मैं बापू, स्वामी विवेकानंद और बाबा साहेब की मूर्ति बनाकर बेचता हूं लेकिन अपने जीवन में पहली बार उस शख्सियत की मूर्ति बनायी है, जिसे करीब से देखा है. वह चाहते हैं कि झारखंड के हर घर में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी की मूर्ति लगे. उन्होंने कहा कि द्रौपदी मुर्मू जी का राष्ट्रपति बनना झारखंडियों के लिए गौरव की बात है.
राजेश प्रजापति को उनकी पत्नी का भी पूरा साथ मिला. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मूर्ति बनाने में उन्होंने भी अपने पति का पूरा सहयोग किया. वह कहती हैं पहली बार कोई आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनीं हैं. वह झारखंड की राज्यपाल भी रही है. ऐसे में इस राज्य के बाशिंदा होने से उन्हें भी उतने ही खुशी मिल रही है जितनी खुशी राज्य के तमाम लोग महसूस कर रहे हैं.
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