जमशेदपुर न्यूज़: जिले के करीब 900 सरकारी और निजी डॉक्टर 24 घंटे तक कार्य बहिष्कार करेंगे. सुबह 6 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक वे मरीजों का इलाज नहीं करेंगे. इमरजेंसी सेवाओं को आंदोलन से मुक्त रखा गया है. लेकिन सरकारी और निजी अस्पतालों में ओपीडी में डॉक्टर मरीजों का इलाज नहीं करेंगे.
सात सूत्री मांगों को लेकर आईएमए और झासा राज्यस्तरीय आंदोलन कर रहे हैं. साकची के आईएमए भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में आईएमए अध्यक्ष डॉ. जीसी माझी और सचिव डॉ. सौरभ चौधरी ने बताया कि इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर जिले में सारे डॉक्टर काम का बहिष्कार करेंगे. इससे लोगों को परेशानी जरूर होगी. लेकिन जिस तरह राज्य में डॉक्टरों को निशाना बनाया जा रहा है, वैसी स्थिति में सरकार को सख्त कदम उठाना चाहिए. 15 दिनों में रांची, गढ़वा, हजारीबाग, जामताड़ा, पेटरवार, लोहरदगा में डॉक्टर के साथ अधिकारी और नेताओं ने बदसलूकी की और उनपर हमले हुए. रिम्स के चिकित्सक डॉ. सौरभ की मौत के बाद भी सरकार की ओर से आश्रित परिवार के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. इसके अलावा मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट को झारखंड में लागू नहीं किया जा रहा है. झारखंड में 50 बेड के अस्पताल एव एकल क्लीनिक को क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट से मुक्त रखने की मांग है.