झारखंड

7000 महिला किसानों ने बनायी कंपनी, साल भर का व्यवसाय तीन करोड़

Renuka Sahu
15 Sep 2022 1:46 AM GMT
7000 women farmers formed a company, a years business of three crores
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न्यूज़ क्रेडिट : lagatar.in

हजारीबाग जिले का चुरचू प्रखंड एक दशक पहले तक नक्सलियों का गढ़ माना जाता था.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हजारीबाग जिले का चुरचू प्रखंड एक दशक पहले तक नक्सलियों का गढ़ माना जाता था. लोग यहां दिन में भी जाने से कतराते थे. इस इलाके में दो दर्जन से अधिक जवान शहीद हो चुके हैं. लेकिन अब इस चुरचू की पहचान बदल रही है. चुरचू नारी ऊर्जा फार्मर प्रोड्यूसर नई पहचान है. इसे आसपास की ही 7000 महिलाओं ने बनाया है. इसकी चर्चा अब राष्ट्रीय स्तर पर होने लगी है. बीते साल इस कंपनी ने तीन करोड़ रुपये की सब्जी बेचने के लक्ष्य को पूरा किया. चालू साल में महिलाओं ने नया लक्ष्य तय किया है. वह है सब्जी के कारोबार के टर्न ओवर को चार करोड़ तक पहुंचाना.

– 7000 महिला किसानों ने बनायी कंपनी

– कंपनी का नाम चुरचू नारी ऊर्जा फार्मर प्रोड्यूसर
– 6 जून 2018 को कंपनी का गठन हुआ था
– अधिकतर महिलाएं निरक्षर
– महिला अंशधारकों की संख्या 2400
– कंपनी का अंश पूंजी 18 लाख
– साल भर में बेचे तीन करोड़ की सब्जी
– अगले साल का टारगेट चार करोड़ का
उपलब्धि
– चूल्हा-चौका करने वाली महिलाएं कर रहीं कमाई
– कंपनी को राज्य का बेस्ट एपीओ का अवार्ड
क्या है चुरचू नारी ऊर्जा फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी

चुरचू नारी ऊर्जा प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड एक निजी कंपनी है. इसे शेयरों द्वारा सीमित कंपनी के रूप में वर्गीकृत किया गया है. इससे 7000 महिलाएं जुड़ी हुई हैं. इस कंपनी को झारखंड का बेस्ट एपीओ अवार्ड से सम्मानित किया गया है. दिल्ली में भी चूरचू नारी ऊर्जा फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी का परचम लहरा चुका है. ऐसी महिलाएं, जो कभी चूल्हा-चौके में व्यस्त रहती थी, वह प्लेन से दिल्ली गईं और अवार्ड लेकर चुरचू लौटीं.
जेएसएलपीएस से है संचालित
चुरचू नारी ऊर्जा फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी का संचालन जेएसएलपीएस के अंतर्गत संचालित जोहार परियोजना के द्वारा किया जाता है. रांची स्थित प्रोजेक्ट भवन के सभागार में इसे बेस्ट एफपीसी के अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है. कंपनी ई-नाम डिजिटल पोर्टल का उपयोग करने वाली झारखंड की प्रमुख कंपनी है. जिसने इस पोर्टल के माध्यम से सबसे अधिक व्यवसाय किया है.
सब्जी कारोबार से कमाई
महिलाएं आज घर से बाहर निकल कर कई काम कर रही हैं. इसका असर आस-पास के गांवों में भी दिख रहा है. कंपनी चुरचू क्षेत्र में सब्जियों एवं फलों का उत्पादन कर महिलाओं के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है. कंपनी ने चतुर्थ आमसभा कर फैसला लिया था कि इस वर्ष (2022-23) चार करोड़ रुपये का व्यापार करेंगे. इससे पहले कंपनी ने तीन करोड़ का लक्ष्य पूरा किया था.
कंपनी का गठन सपोर्ट संस्था, सीनी टाटा ट्रस्ट एवं जोहार, जेएसएलपीएस के संयुक्त सहयोग से 6 जून 2018 को किया गया था. प्रारंभिक दौर में बहुत समस्या हुई. महिलाओं को समझाना और फिर घर से बाहर निकालना बड़ी चुनौती थी. आज की तारीख में खेती, बकरी एवं सुकर पालन, लाह उत्पाद, मछली पालन को बढ़ावा देकर महिलाओं की आमदनी बढ़ा रहे हैं. हम लोगों ने लाखों रुपयों के तरबूज का व्यापार किया है.


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