जमशेदपुर: मरीजों के इलाज में फार्मासिस्ट की अहम भूमिका रहती है. फार्मासिस्ट डॉक्टर द्वारा लिखी दवाओं के बारे में मरीजों को जानकारी देते हैं, लेकिन राज्य के सरकारी अस्पतालों में फार्मासिस्ट के 70 प्रतिशत पद खाली हैं. फार्मासिस्ट की जगह एएनएम से काम लिया जाता है, जो दवा के जानकर नहीं होते हैं.
अखिल भारतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन झारखंड प्रदेश महासचिव अमित कुमार ने झारखंड के हर एक जिले के सिविल सर्जन से आरटीआई के तहत यह जानकारी मांगी है कि संबंधित जिले के सरकारी अस्पताल में फार्मासिस्ट के कितने पद स्वीकृत हैं और कितना रिक्त. अब तक 11 जिलों के सिविल सर्जन ने जानकारी उपलब्ध कराई है, जिसमें 289 स्वीकृत पद में 202 फार्मासिस्ट का पद रिक्त है. यानी करीब 70 फार्मासिस्ट का पद खाली पड़ा है. एसोसिएशन का कहना है कि झारखंड बने हुए 23 साल होने जा रहे हैं, लेकिन अब तक फार्मासिस्ट की स्थायी बहाली नहीं हो पाई है. इससे पता चल रहा है सरकार की तरफ से फार्मेसी एक्ट का उल्लंघन हो रहा है.
किस जिले में फार्मासिस्ट के कितने पद खाली
जिला स्वीकृत पद रिक्त पद
पलामू 33 08
दुमका 42 39
पूर्वी सिंहभूम 10 07
पश्चिमी सिंहभूम 30 21
रांची 37 22
जमशेदपुर