जमशेदपुर न्यूज़: एमजीएम अस्पताल के मुर्दा घर में अब लाशें नहीं सड़ेंगी. स्वास्थ्य विभाग की ओर से मुर्दा घर में छह नए डीप फ्रीजर (डेड बॉडी फ्रिजर बॉक्स) लगेंगे. इसके लिए विभाग ने 15 लाख की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है.
6 लाशों को रखने की क्षमता वाले फ्रिजर की जल्द खरीदारी होगी. अस्पताल की ओर से इसका टेंडर भी निकाला जाएगा. वर्तमान में अस्पताल के मुर्दा घर में 6 डिप फ्रिजर लगे हैं, लेकिन वे खराब हो गए हैं. इससे लाशों को रखने में परेशानी होती है. इसमें कई लाशें सड़ जाती हैं और उसकी दुर्गंध से वार्ड में भर्ती मरीजों को परेशानी होती है. अस्पताल में लाशों के सड़ने की समस्या हमेशा बनी रहती है. लेकिन नए फ्रीजर के लगने से यह समस्या खत्म हो जाएगी. उल्लेखनीय है कि हर माह एमजीएम के मुर्दा घर में औसतन 60 लाशें रखी जाती हैं. इसमें 10 प्रतिशत लाशें अज्ञात होती हैं. अज्ञात लाशों को 72 घंटे तक सुरक्षित रखा जाता है, ताकि उसकी पहचान हो सके.
72 घंटे बाद लाश की पहचान नहीं होने पर उसका दाह-संस्कार कर दिया जाता है. लेकिन कई बार अज्ञात लाशें 5-10 दिनों तक मुर्दा घर में पड़ी रहती हैं, जिससे वह सड़ जाता है और कीड़े लग जाते हैं. इन लाशों के दाह-संस्कार की जिम्मेदारी पुलिस की होती है. लेकिन समय पर कभी पुलिस अज्ञात लाशों का दाह-संस्कार नहीं कराती है.
इसको लेकर अक्सर एमजीएम अस्पताल और पुलिस के बीच विवाद होता रहता है, क्योंकि अज्ञात लाशों के दाह-संस्कार में मात्र 1500 रुपये मिलते हैं. इतने कम पैसे में सफाईकर्मी सड़े-गले लाशों को मुर्दा घर से निकालकर दाह-संस्कार करने में कतराते हैं.