भूमिगत कोयला खदानों में रेडियो तरंगों के जरिए मिलेगी 5जी कनेक्टिविटी
धनबाद: शहर में माेबाइल की 5जी सेवा शुरू हाे चुकी है, जिससे इंटरनेट की स्पीड काफी बेहतर मिल रही है। अब इसके एंटीना पर काम करने वाले आईआईटी आईएसएम, धनबाद स्थित टेक्समिन ने पाताल में भी 5जी सेवा पर शाेध शुरू किया है। टेक्समिन के सीईओ सूरज प्रकाश ने कहा कि अंडरग्राउंड माइंस में कई अत्याधुनिक उपकरणाें का इस्तेमाल हाे रहा है।
इसके साथ ही नई तकनीकाें का भी उपयाेग जल्द शुरू हाेने वाला है। ऐसे में माइंस के अंदर भी बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी की जरूरत हाेगी। इसे देखते हुए अंडरग्राउंड माइंस में रेडियाे वेव के माध्यम से 5जी सेवा के संचालन पर शोध किया जा रहा है। निकट भविष्य में ही राउटर के माध्यम से सुरक्षित 5जी कनेक्टिविटी पर हमें सफलता मिल जाएगी।
बेहतर नेटवर्क से एआई वाले उपकरणों का उपयोग संभव
भूमिगत खदानों में 5जी कनेक्टिविटी उपलब्ध हो जाने के बाद वहां आईओटी, मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से युक्त उपकरणाें का बेहतर इस्तेमाल संभव हाेगा। इसके अलावा माइंस से जुड़ी दाे अन्य तकनीकाें पर भी काम किया जा रहा है। उनसे संबंधित प्राेजेक्ट के भी अक्टूबर महीने तक पूरा हो जाने की संभावना है। इनमें से एक है चैट जीपीटी की तर्ज पर माइन जीपीटी और दूसरी है हाइपर स्पेक्ट्रल इमेजिंग फाॅर मिनरल एक्सप्लाेरेशन।
माइन जीपीटी से मिलेंगी खनन से जुड़ी सारी जानकारियां
टेक्समिन के सीईओ सूरज प्रकाश ने बताया कि चैट जीपीटी की तर्ज पर यहां माइन जीपीटी पर काम किया जा रहा है। संभवत: इसका इस्तेमाल माेबाइल ऐप या पाेर्टल के माध्यम से किया जा सकेगा। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयाेग किया गया है। इसमें माइन या माइनिंग से संबंधित किसी सवाल का यूजर को सटीक जवाब मिलेगा।