जमशेदपुर न्यूज़: एमजीएम अस्पताल में 59 लाख रुपये की लागत से मेडिकल कचरा के निस्तारण के लिए इंसीनरेटर मशीन लगी है, जो डेढ़ वर्ष से खराब है. इसकी वजह से अस्पताल से रोज निकलने वाले लगभग डेढ़ क्विंटल कचरा को सरायकेला के सीनी स्थित इंसीनरेटर केंद्र में भेजना पड़ता है.
इससे जहां अतिरिक्त परिवहन खर्च उठाना पड़ रहा है, वहीं कई तरह की परेशानी भी होती है. मसलन कचरा को एकत्रित कर रखना पड़ता है, जिससे तरह-तरह की बीमारियां फैलने का डर होता है. मालूम हो कि 2016 में झारखंड राज्य स्वास्थ्य विभाग ने 59 लाख की लागत से एमजीएम अस्पताल में इंसीनरेटर मशीन लगवाई थी, जो करीब डेढ़ वर्ष से धूल फांक रही है. इसे कुछ दिन पहले ही करीब 9 लाख रुपये खर्च कर इसे अस्पताल अधीक्षक ने बनवाया है. इंसीनरेटर के लिए बिजली की व्यवस्था के साथ कर्मचारियों की नियुक्ति पहले से है. एमजीएम अस्पताल के दर्जनभर वार्डों से रोज करीब डेढ़ क्विंटल मेडिकल कचरा निकलता है. वहीं, इंसीनरेटर में प्रति घंटे 50 किलो कचरा जमाने की क्षमता है.
इस संबंध में पूछे जाने पर अस्पताल अधीक्षक डॉ. रवींद्र कुमार ने बताया कि इंसीनरेटर को शुरू करने के लिए आदित्यपुर प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के पदाधिकारियों को पत्र भेजा गया है. आदेश मिलने पर एमजीएम अस्पताल में मेडिकल कचरा जलाने का काम शुरू हो जाएगा. इससे अस्पताल को मेडिकल कचरा सीनी स्थित इंसीनरेटर में नहीं भेजना पड़ेगा.