झारखंड
झारखंड में अब तक 58 फीसदी कम हुई बारिश, राज्य सरकार किसानों को देगी फसल की क्षति पर इतनी सहायता राशि, 10 दिन बाद होगा सुखाड़ का आकलन
Renuka Sahu
22 July 2022 1:33 AM GMT
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फाइल फोटो
झारखंड के कृषि मंत्री बादल ने कहा है कि राज्य में इस वर्ष अब तक 58 फीसदी कम बारिश हुई है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। झारखंड के कृषि मंत्री बादल ने कहा है कि राज्य में इस वर्ष अब तक 58 फीसदी कम बारिश हुई है। बारिश के अभाव में 65 प्रतिशत धान का बिचड़ा लगाया जा सका है। जबकि, अभी तक महज बमुश्किल 10 प्रतिशत रोपनी ही हो पाई है। इसे देखते हुए विभाग ने लांग टर्म की बजाए शॉर्ट टर्म कल्टिवेशन प्लान बनाया है। बादल के मुताबिक किसानों को नए सिरे से कम समय में होने वाले प्रभेदों का बिचड़ा किसानों को उपलब्ध कराने का निर्देश कृषि सचिव के माध्यम से कृषि निदेशक को दिया गया है।
सभी उपायुक्तों को निर्देश दिया गया है कि वैकल्पिक फसल की योजना तैयार रखें। कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों को लेकर संवेदनशील है। विभाग अगले 7 से 10 दिनों तक मॉनसून की स्थिति का इंतजार करेगा। उसके बाद देखा जाएगा कि कहां कितनी बारिश हुई और कितनी खेती हो पाई है। मूल्यांकन के बाद सुखाड़ की घोषणा की जाएगी। कृषि मंत्री गुरुवार को सभी जिला के उपायुक्तों व कृषि पदाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे।
पलामू लाकर मुआयना करेगी कमेटी
बादल ने कहा कि बारिश के अभाव में किसानों की परेशानी को लेकर पलामू से जनप्रतिनिधियों की शिकायतें आई थीं। जिसके बाद निदेशक की अध्यक्षता में कमेटी बनायी गयी है जो वहां जाकर मुआयना करेगी। उन्होंने कहा कि अल्पावधि सूखा प्रतिरोधी बीज के लिए नए डिमांड लिए जा रहे हैं ताकि किसानों को अविलंब आपूर्ति की जा सके। किसानों को मोबाइल मैसेज के जरिए बीज एवं रोपण विधि की भी जानकारी दी जा रही है।
साथ ही वैज्ञानिकों की सलाह के अनुसार रबी फसल की तैयारी निदेशालय स्तर पर की जा रही है। राज्य में अगर सुखाड़ की स्थिति बनती है तो आपदा प्रबंधन के लोगों से संपर्क किया जा रहा है। केंद्र से भी सहयोग की उम्मीद के साथ योजना तैयार कर रहे हैं।
फसल की क्षति पर 15 से 20 हजार की सहायता राशि
कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों को ससमय सरकार का सहयोग मिल सके, इसकी तैयारी शुरू कर दी गई हैं। उन्होंने कहा कि बैठक में बताया गया कि अगले 10 दिनों में जोरदार बारिश होने के बाद भी पिछले साल जितना उत्पादन संभव नहीं है। विभाग ने किसानों की मदद के लिए फसल क्षति पर झारखंड राज्य फसल राहत योजना के तहत क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट के आधार पर उपज में 30 से 50 का नुकसान होने पर प्रति एकड़ 3000 रुपए एवं अधिकतम 15000 जबकि 50 से ज्यादा नुकसान होने पर 4000 प्रति एकड़ एवं अधिकतम 20000 रुपये का सहयोग किया जाएगा। किसानों को यह राशि डीबीटी के माध्यम से उनके खाते में दी जाएगी।
रैयत व बटाईदार दोनों शामिल किए गए हैं
फसल राहत योजना के अंतर्गत रैयत व बटाईदार दोनों तरह के किसानों को शामिल किया गया है। कॉपरेटिव रजिस्ट्रार मृत्युंजय वर्णवाल ने कहा कि योजना के लिए राज्य के 20000 कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से किसान निबंधन करा सकते हैं। सेंटर को सेवा शुल्क के रूप में 40 रुपए का भुगतान करना होगा। जबकि, खुद जाकर मुफ्त निबंधन किया जा सकता है।
योजना के क्रियान्वयन के लिए सभी उपायुक्तों, कृषि पदाधिकारियों एवं सहकारिता पदाधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं। उपायुक्तों को जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक 1 सप्ताह के अंदर सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं साथ ही जनता की जागरूकता के लिए प्रचार-प्रसार करने का भी निर्देश दिया गया है। फसल राहत योजना के अंतर्गत रैयत व बटाईदार दोनों तरह के किसानों को शामिल किया गया है।
कैंप लगाकर केसीसी का लाभ
मंत्री ने कहा कि बैठक मे हिदायत दी गयी है कि सभी निबंधित किसानों को केसीसी का लाभ दिया जाए। जो भी वंचित किसान हैं उन्हें कैंप लगाकर केसीसी का लाभ दें। इसके लिए जिला, प्रमंडल व राज्य स्तर पर जल्द ही बड़ा आयोजन किया जाएगा। ताकि किसानों को महाजन के चंगुल से बचाया जा सके। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान कृषि विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दीकी, सहकारिता निबंधक, मृत्युंजय बर्णवाल, विशेष सचिव प्रदीप हजारे एवं सीएससी के राज्य प्रमुख शंभू कुमार सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे।
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