राँची न्यूज़: केंद्र सरकार के जनजातीय कार्य विभाग ने वित्तीय वर्ष 2021-22 से लेकर 2025-26 तक के मंत्रालय की कार्य योजनाओं का निर्धारण किया है. झारखंड सहित देश के 36,428 जनजाति बहुल गांवों के एकीकृत विकास के लिए चिह्नित किया गया है. इनमें झारखंड के 5755 आदिवासी बहुल गांव भी शामिल हैं.
इन गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, पोषण और रोजगार को ध्यान में रखकर आगामी योजनाओं का क्रियान्वयन होगा. आजादी के अमृत महोत्सव के इस वर्ष में केंद्र सरकार का संकल्प है कि जनजातीय समाज मूल धारा से जुड़कर विकासात्मक लक्ष्य प्राप्त करे. प्रधानमंत्री के विजन को ध्यान में रखते हुए जनजातीय कार्य मंत्रालय एक लक्ष्य निर्धारित कर रहा है, ताकि जनजातीय गांवों का सीधा विकास हो. जनजातीय कार्य विभाग के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि जनजातीय कार्य मंत्रालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जनजातीय समाज के समग्र विकास की दृष्टि से कार्य प्रारंभ हुआ है.
प्रधानमंत्री के विकास मंत्र को अपनाकर सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास को मूल मानकर सरकार जनजातीय समाज के विकास की रणनीति तैयार कर रहे हैं. प्रधानमंत्री आदर्श आदी ग्राम योजना हमारी एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसमें ट्राइफेड के माध्यम से सीधे जनजातीय गांवों में विकास का लक्ष्य पूरा करेगी.
ग्राम प्रधान बनाएंगे योजनाएं
चयनित गांवों में ग्राम प्रधान के नेतृत्व में गांव के विकास के लिए समेकित योजनाएं बनाई जाएंगी. हर गांव में एक महिला स्वयं सहायता समूह का चयन गांव ग्राम सभा करेगा. गांव की सामाजिक, आर्थिक और भौगोलिक स्थिति का आकलन कर ऐसे व्यवसाय का चयन किया जाएगा, जो स्थानीय जनजाति समुदाय के लिए रोजगार का सृजन कर सके. कल्याण विभाग स्वयंसेवी संस्था के माध्यम महिला स्वयं सहायता समूह को प्रशिक्षण देगा. ग्रामसभा मैट्रिक पास 5 शिक्षित बेरोजगार युवक-युवतियों का चयन स्वरोजगार के लिए करेगा. इन्हें कल्याण विभाग 2-2 लाख रुपए या ऋण देगा.
आदिवासियों के धार्मिक स्थलों को संवारेगी सरकार
राज्य के आदिवासी बहुल गांवों के विकास के लिए सरकार अनुसूचित जनजाति ग्राम विकास योजना शुरू करने जा रही है. इन गांवों को शैक्षणिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, स्वास्थ्य और अन्य विकास योजनाओं से जोड़कर विकसित किया जाएगा. योजना के माध्यम से 80 फीसदी से अधिक आदिवासी बहुल गांवों का सर्वांगीण विकास होगा. राज्य के 21306 गांवों में से 5755 गांव आदिवासी बहुल हैं, जिनमें 90 फीसदी से अधिक आदिवासी रहते हैं. गांवों का विकास केंद्र सरकार से मिलने वाली विशेष सहायता राशि से किया जाएगा. पहले चरण में 1000 गांवों का चयन किया जाएगा, फिर अलग अलग 12-12 सौ गांवों को शामिल किया जाएगा.
कहां-कहां होंगे काम
कांके के ईचापीड़ी मसना, जिदू ग्राम में मसना सरना स्थल, चामगुरु में सरना स्थल, रातू के चौली में सरना स्थल, अनगड़ा के बेड़बारी में सरना स्थल, बानपुर में सरना स्थल, नामकुम के चंदाघासी में सरना स्थल, मांडर के नारो में सरना स्थल, कांके के गोबरहप्पा में सरना स्थल की घेराबंदी और जीर्णोद्धार का कार्य होगा.
इन जिलों में भी होगा कार्य
दुमका, जामताड़ा, पूर्वी सिंहभूम, सिमडेगा, खूंटी, गुमला, लातेहार, पाकुड़, लोहरदगा, गोड्डा, देवघर, पलामू, गिरिडीह, धनबाद, बोकारो, रामगढ़, गोड्डा, गढ़वा और चतरा जिले में जाहेरस्थान, सरना स्थल, मसना और हड़गड़ी की घेराबंदी और जीर्णोद्धार किया जाएगा.
● जनजातीय कार्य विभाग ने 2025-26 तक के लिए मंत्रालय की कार्य योजनाओं का किया निर्धारण
● शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, पोषण और रोजगार को ध्यान में रख आगामी योजनाओं का क्रियान्वयन होगा
● झारखंड के 21306 गांवों में से 5755 गांव आदिवासी बहुल, जिनमें 90 फीसदी से अधिक आदिवासी
● गांवों का विकास केंद्र सरकार से मिलने वाली विशेष सहायता राशि से कराने की बनाई गई योजना
● पहले चरण में 1000 गांवों का चयन किया जाएगा, फिर अलग-अलग 12-12 सौ गांव शामिल किए जाएंगे