जमशेदपुर न्यूज़: बालासोर ट्रेन हादसे में मृत 52 यात्रियों के शव की शिनाख्त एक महीने बाद भी नहीं हुई. इनमें आरक्षित और सामान्य कोच के यात्री शामिल हैं.
हालांकि, दक्षिण पूर्व व ईस्ट कोस्ट रेलवे जोन ने डीएनए जांच के माध्यम से 81 लावारिश शव में से 29 की पहचान कर ली है. इसके लिए रेलवे ने भुवनेश्वर अस्पताल में 80 से ज्यादा लोगों का सैंपल डीएनए जांच के लिए है. हेल्पलाइन नंबर जारी कर बंगाल-ओडिशा समेत अन्य राज्य के निवासियों से भी रेलवे मदद मांग रहा है. रेलवे के अनुसार, लावारिश शव का दावा करने वाले को आधारकार्ड एवं पीएनआर नंबर दिखाना होगा.
मालूम हो कि बहानागा बाजार स्टेशन के पास 2 जून की शाम शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस की बोगियां लूप लाइन में खड़ी मालगाड़ी से टकराकर बेपटरी हुई थी. इस दौरान यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस कोरोमंडल एक्सप्रेस की पटरी पर फैली बोगियों से टकराई थी. इससे 287 यात्रियों की मौके पर मौत होने के साथ 800 से ज्यादा यात्री (160 गंभीर व अन्य सामन्य) जख्मी हुए थे. जानकारी के अनुसार, मृत यात्री के आश्रितों व सामन्य व गंभीर जख्मी को रेलवे मुआवजा में 27 करोड़ से ज्यादा राशि बांट चुका है.
एक महीने प्रभावित हुई है ट्रेन सेवा बहानागा बाजार स्टेशन पर ट्रेन सेवा करीब एक महीने प्रभावित हुई, जबकि साढ़े 78 घंटे बाद दो लाइन शुरू हुआ.
रेलवे ने दो हजार से ज्यादा ट्रेनों को रद्द कर टाटानगर की उत्कल एक्सप्रेस को करीब एक महीने तक बदले मार्ग पर चलाया था. हादसे के कारण दक्षिण पूर्व जोन व खड़गपुर मंडल के आधा दर्जन वरीय रेल पदाधिकारियों पर विभागीय गाज गिरी है, जबकि सीबीआई जांच जारी है.