झारखंड

चांडिल में 26वां श्री श्याम जन्मोत्सव तीन नवंबर से

Renuka Sahu
8 Oct 2022 4:56 AM GMT
26th Shree Shyam Janmotsav in Chandil from November 3
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न्यूज़ क्रेडिट : lagatar.in

चांडिल में श्री श्याम जन्म महोत्सव मनाने की परंपरा कोल्हान प्रमंडल का सबसे पुराना आयोजन बताया जाता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चांडिल में श्री श्याम जन्म महोत्सव मनाने की परंपरा कोल्हान प्रमंडल का सबसे पुराना आयोजन बताया जाता है. यहां वर्ष 1997 से श्रीश्याम जन्मोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. श्री श्याम कला भवन की ओर से प्रतिवर्ष उत्थान एकादशी के दिन श्री श्याम जन्मोत्सव का आयोजन किया जाता है. 25 वर्ष का लंबा सफर श्री श्याम कला भवन के लिए काफी उत्साहवर्धक रहा है. चांडिल में 25 वर्षों के दौरान देश के कई विख्यात भजन गायकों ने अपनी प्रस्तुति दी है. तीन दिवसीय श्री श्याम महोत्सव में पहले दिन शोभा यात्रा निकाला जाता है, दूसरे दिन रात्रि व्यापी भजन और तीसरे व अंतिम दिन बाबा श्याम का भंडारा का आयोजन किया जाता रहा है. तीन दिनों तक चलने वाले श्री श्याम महोत्सव में प्रतिवर्ष मुख्य संरक्षक, फदलोगोड़ा काली मंदिर के महंत सह जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमहंत विद्यानंद सरस्वती के अलावा कई राजनेता एवं पुलिस-प्रशासन के वरीय पदाधिकारी शामिल होते हैं. पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन, मंत्री बन्ना गुप्ता, पूर्व उपमुख्यमंत्री दिवंगत सुधीर महतो, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. दिनेश षाडंगी, पूर्व सांसद रामटहल चौधरी, पूर्व विधायक दिवंगत साधु चरण महतो, पूर्व विधायक अरविंद कुमार सिंह समेत कई राजनेता श्रीश्याम जन्मोत्सव में शामिल हो चुके हैं.

26वां श्रीश्याम जन्मोत्सव तीन नवंबर से
इस वर्ष तीन नवंबर से 26वां श्रीश्याम जन्मोत्सव का आयोजन किया जाएगा. इसको लेकर तैयारियों शुरू कर दी गई है. तीन नवंबर को निशान यात्रा निकाले जाने के बाद चार नवंबर को रात्रि व्यापी भजन संध्या में भजनों की अमृत वर्षा होगी. पांच नवंबर को प्रभु का भंडारा लगेगा और सात नवंबर को सहयोग कूपन का लक्की ड्रा निकाला जाएगा. मंदिर के संस्थापक पुजारी मोहन शर्मा (अब दिवंगत) के नेतृत्व में चांडिल में श्रीश्याम जन्मोत्सव का आयोजन शुरू किया गया था. अब उनके बेटे सुभाष शर्मा मंदिर में प्रभु श्याम की सेवा करते हैं.
इन्होंने दी है अपनी प्रस्तुति
चांडिल स्थित विवेकानंद केंद्र में होने वाले श्रीश्याम जन्मोत्सव में वर्ष 1997 में जयपुर की नन्ही भजन गायिका उमा लहरी ने अपनी प्रस्तुति दी थी. नन्ही गायिका ने अपने मधुर भजनों से भक्तों को खूब झुमाया था. इसके अलावा दिल्ली के निरंजन गुप्ता, छोटा बच्चा जान के हमसे ना टकराना गाना गाने वाले नई दिल्ली के मास्टर निगम, मुंबई से राजेंद्र जैन, राजस्थान के रजनी राजस्थानी, नई दिल्ली के डॉ. लता परदेशी, कुमारी गुंजन, मुंबई से सरिता ओझा, आगरा से राजु बावरा, दिव्य चैनल की गायिका कानपुर की साक्षी आदि समेत मुंह से घुंघरू की आवाज निकालने वाले, देश विदेश में चर्चित नईम अजमेरी ने भी चांडिल में अपनी प्रस्तुति दी थी. नईम अजमेरी को राजस्थान सरकार ने फक्र-ए-राजस्थान और भारत सरकार ने गौरव रत्न अलंकार से सम्मानित किया है.
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