झारखंड

बिजली नियामक आयोग में 25 हजार करोड़ की गड़बड़ी की होगी जांच : हेमंत सोरेन

Renuka Sahu
20 July 2022 3:17 AM GMT
25 thousand crore disturbances will be investigated in Electricity Regulatory Commission: Hemant Soren
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फाइल फोटो 

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के पूर्व अध्यक्ष अरविन्द कुमार, पूर्व सदस्य तकनीक आरएन सिंह और बिहार फाउंड्री एंड कास्टिंग के मालिक गौरव बुधिया के खिलाफ विजिलेंस जांच का आदेश दिया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के पूर्व अध्यक्ष अरविन्द कुमार, पूर्व सदस्य तकनीक आरएन सिंह और बिहार फाउंड्री एंड कास्टिंग के मालिक गौरव बुधिया के खिलाफ विजिलेंस जांच का आदेश दिया है।

मामला दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) की बिजली दर कम करने से जुड़ा है। अरविंद कुमार बिहार कैडर के सेवानिवृत आईएएस अधिकारी हैं। वह रघुवर दास की सरकार में राज्य विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष के पद पर नियुक्ति किए गए थे। सरकार बदलने के बाद उनसे त्यागपत्र ले लिया गया था।
अरविंद और गौरव बुधिया के खिलाफ 25 हजार करोड़ की सरकारी राशि की अनियमितता करने का आरोप है। ऊर्जा विभाग ने निगरानी जांच का प्रस्ताव मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भेजा। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने निगरानी जांच का आदेश दिया।
बिजली टैरिफ तय करने का खेल
विभागीय जांच में डीवीसी की दर कम करने की शिकायत में सत्यता पाई गई है। इससे यह तय हो गया है कि राज्य में बिजली की दर तय कराने से लेकर घटाने तक का सिंडिकेट सक्रिय था। आयोग ही विभिन्न कंपनियों की बिजली दर तय करती है। आयोग संबंधित कंपनी की आडिट रिपोर्ट और जरूरतों को ध्यान में रखकर, जन सुनवाई करने के बाद बिजली दर का निर्धारण करता है।
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