झारखंड

5 साल में 25 करोड़ खर्च, फिर भी आधे हो गए हाथी

Admin Delhi 1
12 Jun 2023 10:39 AM GMT
5 साल में 25 करोड़ खर्च, फिर भी आधे हो गए हाथी
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जमशेदपुर न्यूज़: दलमा एलिफेंट सेंक्चुरी में हर संरक्षण और सुरक्षा पर बजट बढ़ रहा, लेकिन हाथियों की संख्या घटती जा रही है. दलमा में 10 साल में हाथियों की संख्या घटकर 156 से 89 हो गई है.

हाथियों की सुरक्षा और संरक्षण पर पिछले पांच साल में 25 करोड़ तक खर्च हुए हैं, लेकिन देश के पहले हाथी अभयारण्य में बिना हाथी देखे ही पर्यटक लौट जाते हैं.

दलमा में हर साल 55 से 60 हजार पर्यटकों की आवाजाही होती है. लेकिन अधिकतर लोग अपने निजी वाहनों से घूमकर चले जाते हैं. हर साल दलमा में विकास की अनगिनत योजनाएं बनती हैं, लेकिन धरातल पर कोई योजना जल्द नहीं उतर पाती है. दलमा के गांवों में विकास के लिए 55 करोड़ यूनियन

बैंक में जमा हैं. यह राशि हाईवे चौड़ीकरण के तहत वन भूमि के एवज में मिले थे. इस राशि के ब्याज से दलमा के गांवों में विकास की योजना थी. इस राशि से हर साल लाखों रुपये ब्याज मिलते हैं. इसके अलावा हर साल पांच से 10 करोड़ तक आवंटन होते हैं, जिसे संरक्षण और सुरक्षा पर खर्च किया जाता है. बता दें कि हर साल दिसंबर में हाथी दलमा की ओर रुख करते हैं और जुलाई के अंतिम सप्ताह तक वे लौट जाते हैं.

इस कारण दलमा में घट रही हाथियों की संख्या

एलिफेंट कॉरिडोर में बढ़ते अतिक्रमण के कारण इनकी संख्या घट रही है. दलमा में ओडिशा व प. बंगाल के रास्ते हाथियों की आवाजाही होती हैं. हाथियों के रास्ते में अवैध खनन, निर्माण कार्य से उनका भटकाव होने लगा है. इससे वे चांडिल, सरायकेला, धालभूमगढ़, चाकुलिया की घनी आबादी में पहुंच रहे हैं.

सारी योजना पाइपलाइन में है. दलमा सेंक्चुरी में हाथियों के अनुरूप पौधरोपण से लेकर गेस्ट हाउस, म्यूजियम, मड हाउस, आउटलेट जैसे विकास कार्य हुए हैं. सफारी की योजना भी जल्द शुरू हो जाएगी. - डॉ. अभिषेक कुमार, डीएफओ, दलमा

संरक्षण और सुरक्षा पर बढ़ रहा है बजट, 156 में से 89 ही रह गए हाथी, देश के पहले हाथी अभयारण्य में बिना हाथी देखे लौट रहे हैं पर्यटक

धरातल पर नहीं उतरी योजना

● रोपवे योजना पांच साल में रद्द. बताया गया कि सेंक्चुरी में रोपवे से हाथियों की शांति में खलल पड़ेगी.

● बैट्री संचालित गाड़ी चलाने की योजना बनाई गई, वह भी पहाड़ी पर खतरनाक बताकर रद्द कर दी गई.

● बंबो ब्रिज की योजना बनी, जिसका प्रस्ताव भेजा गया है.

● 90 लाख से सफारी योजना के लिए चार वाहनों की खरीदारी हुई है, लेकिन अबतक शुरू नहीं हुई.

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