झारखंड

माफी योजना से 2.44 लाख उपभोक्ताओं को फायदा

Admin Delhi 1
12 April 2023 1:19 PM GMT
माफी योजना से 2.44 लाख उपभोक्ताओं को फायदा
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जमशेदपुर न्यूज़: जेबीवीएनएल ने बकाया बिजली बिल भुगतान करने पर उपभोक्ताओं के लिए वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लागू की है. कोल्हान में इस स्कीम का फायदा 2.44 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को मिलेगा, जबकि 9.35 करोड़ रुपये जेबीवएनएल को राजस्व भी प्राप्त होगा.

ग्रामीण, शहरी और घरेलू उपभोक्ताओं व औद्योगिक कनेक्शन वाले उपभोक्ताओं ने दिसंबर 2022 से बिजली बिल जमा नहीं किया है. इस स्कीम के तहत बकाया बिल भुगतान करने वाले उपभोक्ता का ब्याज माफ हो जाएगा. ऐसे उपभोक्ताओं को सिर्फ एनर्जी चार्ज जमा करना पड़ेगा. वन टाइम सेटलमेंट स्कीम के तहत एकमुश्त भुगतान करने पर ब्याज शत-प्रतिशत माफ हो जाएगा.

लेकिन, जो उपभोक्ता किस्त में भुगतान करना चाहते हैं, उनके लिए भी विभाग ने ब्याज पर छूट देने का फैसला किया है. इसके तहत उपभोक्ता को पहले कुल बकाया बिल की 20 प्रतिशत राशि जमा करानी होगी. इसके बाद शेष राशि का किस्त में भुगतान करना होगा. लेकिन इस स्थिति में ब्याज पर 2 से 30 प्रतिशत तक ही छूट मिल पाएगी.

स्ाबसे अधिक चाईबासा के 97 हजार को भेजा गया है नोटिस जमशेदपुर एरिया बोर्ड की तरफ से कुल 2.44 लाख उपभोक्ताओं को नोटिस भेजा गया है, जिनका बिजली कनेक्शन काटा गया है. इनमें सबसे अधिक चाईबासा सर्किल के 97 हजार 780 उपभोक्ता हैं, जबकि जमशेदपुर सर्किल के 46 हजार 304 उपभोक्ता हैं. जमशेदपुर के उपभोक्ताओं पर एक करोड़ 76 लाख 43 हजार 833 रुपये बकाया है, जबकि चाईबासा सर्किल के उपभोक्ताओं पर 7 करोड़ 59 लाख 42 हजार 393 रुपये बकाया है.

212 करोड़ हुआ है रिकॉर्ड बिल कलेक्शन

झारखंड सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के समापन से पहले 31 मार्च को सरकारी विभागों के एक साल के बकाया बिजली बिल के एवज में रांची स्थित जेबीवीएनएल मुख्यालय को एकमुश्त 429 करोड़ रुपये का भुगतान किया है. इसमें कोल्हान प्रमंडल के सरकारी विभागों ने 35 करोड़ जमा किए हैं. इसके अलावा कोल्हान प्रमंडल के तीनों जिलों में औद्योगिक उपभोक्ताओं एचटी व एलटीआईएस से लगभग 100 करोड़ जमा हुए हैं. सरकारी विभागों का बकाया राशि भुगतान होने पर जेबीवीएनएल ने मार्च में 120 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 212 करोड़ की रिकॉर्ड वसूली की है.

राजस्व में बढ़ोतरी होने पर बिजली आपूर्ति की सुविधाएं भी बढ़ेंगी. पहले की तुलना में राजस्व संग्रह और बिजली आपूर्ति की सुविधाएं बेहतर हुई हैं. बिजली खरीदने में निगम के सामने पैसे की किल्लत भी नहीं होगी.

-श्रवण कुमार, महाप्रबंधक, जेबीवीएनएल

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