जमशेदपुर न्यूज़: जिले के 1650 मानसिक रोगियों को नियमित रूप से दवा नहीं मिल रही है. स्वास्थ्य विभाग में पिछले दो माह से मानसिक रोग की दवा खत्म हो गई है.
दवा खरीदारी के लिए दो माह के दौरान दूसरी बार स्वास्थ्य विभाग ने टेंडर निकाला है, लेकिन अब तक एजेंसी फाइनल नहीं हुई है. एक दिसंबर 2022 को तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ. साहिर पाल ने जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के लिए दवा खरीदारी का टेंडर निकाला था. तकनीकी कारणों से इसे रद्द करना पड़ा. इसके बाद 19 जनवरी 2023 को वर्तमान सिविल सर्जन डॉ. जुझार ने फिर से टेंडर निकाला. दवा नहीं मिलने के कारण मानसिक रोगी और उनके परिजन दवा के लिए अस्पताल में भटक रहे हैं. मानसिक रोगियों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है. शारीरिक स्वास्थ्य की तरह मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दिया जाता है.
मानसिक रोगियों की इलाज का कैंप भी बंद
दवा उपलब्ध नहीं होने से प्रखंडों में मानसिक रोगियों की जांच व इलाज का कैंप भी बंद हो गया है. 17 तरह की दवाओं की खरीद के लिए टेंडर निकाला गया है. दवा खरीदारी के बाद जिले के सभी प्रखंडों में कैंप लगेगा. एमजीएम और सदर दोनों अस्पताल में मानसिक रोगियों का निशुल्क इलाज होता है. इसके अलावा घाघीडीह जेल में भी मनोचिकित्सक की तैनाती है. हर माह सदर और एमजीएम अस्पताल की ओपीडी में 1200 से 1500 मानसिक रोगी इलाज और काउंसिलिंग के लिए पहुंचते हैं. इसमें 150 से 200 मरीज नए होते हैं.