राँची न्यूज़: स्थायीकरण की मांग को लेकर एक माह 10 दिन तक हड़ताल पर रहने वाले अनुबंध कर्मचारियों को स्वास्थ्य विभाग ने सातवें वेतनमान के विरुद्ध मानदेय में 15 फीसदी बढ़ोतरी का तोहफा दिया है. हड़ताल अवधि का भी इन्हें मानदेय भुगतान किया जाएगा. इसके लिए हड़ताल की अवधि को समायोजित करने के लिए इनसे राजपत्रित अवकाश-देय अवकाश के दिनों में सेवाएं ली जाएंगी.
स्वास्थ्य विभाग के उपसचिव ध्रुव प्रसाद ने को इसका आदेश जारी किया. यह आदेश बीते 25 फरवरी को स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में झारखंड अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मी संघ और झारखंड राज्य एएनएम, जीएनएम कर्मचारी संघ की आयोजित बैठक में लिए गए निर्णय के आलोक में लिया गया है.
बता दें कि 16 जनवरी से 25 जनवरी तक एनएचएम व झारखंड राज्य एड्स कंट्रोल सोसायटी के तहत राज्य में कार्यरत एएनएम, जीएनएम व पारामेडिकल कर्मी हड़ताल पर थे. 25 फरवरी को वार्ता में 15 वृद्धि के साथ मानदेय भुगतान व हड़ताल अवधि की प्रतिपूर्त अवकाश के दिनों में सेवाएं लेकर करने का निर्णय हुआ था. हड़ताल अवधि में हुई दंडात्मक कार्रवाई पर रोक के संबंध में विधिक परामर्श प्राप्त कर अग्रेतर कार्रवाई का निर्णय हुआ था. इसी आधार पर कई सिविल सर्जनों ने स्वास्थ्य विभाग के आदेश से पहले ही अनुबंधकर्मियों के हड़ताल अवधि के मानदेय भुगतान का आदेश भी जारी कर दिया था.
एमपीडब्ल्यू के अवधि विस्तार की प्रक्रिया शुरू की गई
राज्य में संविदा पर कार्यरत बहुद्देशीय कार्यकर्ता (मल्टी परपस वर्कर-पुरुष) के अवधि विस्तार की प्रक्रिया स्वास्थ्य विभाग ने शुरू कर दी है. निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य डॉ बीरेंद्र प्रसाद सिंह ने सभी सिविल सर्जनों से ब्योरा मंगाया है, ताकि अवधि विस्तार की कार्रवाई की जा सके. उन्होंने कहा कि स्थापना के अंतर्गत कार्यरत एमपीडब्ल्यू, जिनकी कार्य अवधि संतोषजनक है एवं सेवा दो वर्ष पूरी हो चुकी है. सभी का विस्तृत प्रतिवेदन उपलब्ध करावें. ताकि, वर्ष 2023-24 के लिए अवधि विस्तार की कार्रवाई की जा सके. प्रतिवेदन प्राप्त होने के बाद ही वेतन भुगतान के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिया जा सकेगा.