
Koderma : हिन्दी के महान साहित्यकार मुंशी प्रेमचन्द की 142वीं जयंती पर सामुदायिक भवन कोडरमा में विचार गोष्ठी का अयोजन किया गया. दलित शोषण मुक्ति मंच (डीएसएमएम) के द्वारा स्वतंत्रता सेनानी शहीद उधम सिंह की शहादत दिवस भी मनायी गयी. सर्व प्रथम उपस्थित लोगों ने मुंशी प्रेमचंद और उधम सिंह के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी. सीटू राज्य कमिटी सदस्य संजय पासवान ने कहा कि हिंदी के सर्वश्रेष्ठ साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद की कहानियों में किसान और मजदूरों को बहुत अच्छी तरह से समझा और उन्हें उकेरा. प्रेमचंद ने अपनी रचनाओं में सामाजिक मुद्दों पर जोर दिया. उन्होंने कृषि क्षेत्र के श्रमिकों, समाज में हशिये पर रहे गरीबों, दलितों, वंचितों व महिलाओं को साहित्य का विषय बनाया. सामाजिक कार्यकर्ता असीम सरकार ने कहा कि आज जब देश आज़ादी की 75वीं वर्षगाठ माना रहा है. सत्ता में बैठी सांप्रदायिक ताकतें, जिनका आज़ादी के आंदोलन में कोई योगदान नहीं रहा. वे आज राष्ट्रवाद की खाल ओढ़कर आ रही है और भारत का संविधान व लोकतंत्र को समाप्त करने की साज़िश रच रही है.
