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जज उत्तम आनंद हत्याकांड में लखन और राहुल दोषी करार
Dhanbad: न्यायाधीश उत्तम आनंद हत्याकांड में धनबाद सीबीआई की विशेष अदालत ने गुरुवार को अपना फैसला सुनाया. न्यायाधीश उत्तम आनंद की पहली पुण्य तिथि के हीं दिन धनबाद सीबीआई के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत ने मामले के दोनों नामजद आरोपी लखन वर्मा एवं राहुल वर्मा को हत्या का दोषी करार दिया. अदालत सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 6 अगस्त की तिथि निर्धारित कर दी है.
उत्तम आनंद की पहली बरसी पर फैसला
धनबाद सिविल कोर्ट के जिला एवं सत्र न्यायाधीश अष्टम उत्तम आनंद की पहली बरसी आज है. यह संयोग ही है कि उनकी हत्या से जुड़े मामले में आज उनकी पहली बरसी पर CBI कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. 26 जुलाई 22 को उभय पक्षों की सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने आज की तारीख फैसले के लिए निर्धारित की थी. सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की कोर्ट ने दोनों आरोपियों (लखन और राहुल) को आईपीसी की धारा 302 और 201 के तहत दोषी करार दिया है.
दोनों के विरुद्ध हत्या के षड्यंत्र का आरोप : जज
जज रजनीकांत पाठक ने फैसला सुनाते हुए कहा कि सीबीआई ने दोनों के विरुद्ध धारा 302 में आरोप पत्र समर्पित किया था. दोनों 2 फरवरी 21 से जेल में बंद है. दोनों के विरुद्ध हत्या के षड्यंत्र का आरोप है. मैं धारा 302 हत्या के परिभाषा को पढ़ना उचित समझता हूं. अभिलेख पर उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर मैंने पाया कि अभियोजन यह साबित किया कि उत्तम आनंद की मौत हुई. वीडियो क्लिप और फोटोग्राफ्स एक्सपोर्ट के ओपिनियन भी बताते हैं कि उनकी मौत हुई. इलेक्ट्रॉनिक्स सीसीटीवी फुटेज भी यह बता रहे हैं कि ऑटो रिक्शा से धक्का लगने के कारण उत्तम आनंद की मौत हुई है. मैं पाता हूं कि चश्मदीद पवन कुमार पांडे ने से उत्तम आनंद को ऑटो से धक्का मारते हुए देखा था और उसने अदालत में यह बात बताई थी. नर्स ने भी धक्का मारते देखा था और घायल को उसने आशुतोष और श्रवण की सहायता से सदर अस्पताल ले गए थे. सदर अस्पताल का गेट बंद था, जहां से उन्हें पीएमसीएच ले गया गया था. इलाज किया गया था. फोन करने पर एंबुलेंस नहीं आई थी. ऑटो से जज को ले जाया गया था. मैं पाता हूं कि विश्वकर्मा प्रोजेक्ट में काम करने वाले सरवन सिंह ने भी ऑटो को धक्का मारते हुए देखा था. जब रणधीर वर्मा चौक से गुजर रहा था.
ऑटो के टक्कर से लगी गंभीर चोट
जज रजनीकांत पाठक ने कहा कि इस मामले में तीन चश्मदीद गवाह थे. तीनों ने ऑटो को जज साहब को धक्का मारते देखा. धक्का लगने से जब साहब के सर में गंभीर चोट लगी थी. जो मृत्यु के लिए पर्याप्त थी. सभी डॉक्टरों ने और फॉरेंसिक रिपोर्ट में भी इस बात की पुष्टि की. सभी गवाहों के बयान से यह साबित होता है कि एक जीवित आदमी की मौत हुई. ऑटो के धक्का लगने के कारण ही मौत हुई और दोनों ने जानबूझकर धक्का मारा. इस संबंध में लाए गए साक्ष्य की विवेचना पर मैं यह पाता हूं कि सीसीटीवी फुटेज वीडियो क्लिप फोटोग्राफ यह साबित कर रहा है कि ऑटो से धक्का मारी गई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट मेडिकल टीम के द्वारा की गई जिसमें बताया कि सर में गंभीर चोट लगने के कारण जज की मौत हुई. यह स्पष्ट है की ऑटो से धक्का मारी गई उत्तम आनंद की मौत हुई रणधीर वर्मा चौक के फुटेज से यह स्पष्ट होता है. और मैं पाता हूं कि ऑटो रिक्शा के सामने सीट पर 2 लोग बैठे थे. मैंने फुटेज को दर्जनों बार देखा. तीन ऐसे फुटेज है जिसमें यह दिखता है कि एसएसएलएनटी की ओर ऑटो जा रहा था. उसमें पता चलता है कि जज कॉलोनी की आटो ने दो राउंड मारी थी. 5: 8 मिनट दूसरा राउंड 5:08:06 सेकंड में तिसरा राउंड पांच बजकर आठ मिनट 22 सेकंड में वह काफी तेजी से जा रहा है दिखता है. इस विषय पर विवाद नहीं है कि ऑटो लखन चला रहा था. राहुल आटो में लखन के बगल मे बैठा था.
स्पीडी ट्रायल चलाकर 5 महीने सुनवाई पूरी
यहां बता दें कि धनबाद सीबीआई के विशेष अदालत ने इस मामले का स्पीडी ट्रायल किया 22 फरवरी 22 को आरोप तय होने के बाद महज पांच महीने में 58 गवाहों का बयान दर्ज कर लिया. जानकारी के मुताबिक, झारखंड में पहली बार CBI कोर्ट ने स्पीडी ट्रायल चलाकर महज 5 माह में ही सुनवाई पूरी कर ली. दोनों आरोपियों के खिलाफ 2 फरवरी 2022 को अदालत में आरोप का गठन किया गया था और 7 मार्च 2022 को इस मामले में पहले गवाह की गवाही हुई थी. 3 माह के अंदर ही अदालत ने कुल 58 गवाहों का बयान पूरा कर लिया.
169 गवाहों में से 58 गवाहों का बयान
सुनवाई के दौरान सीबीआई के क्राइम ब्रांच के स्पेशल पी पी अमित जींदल ने आरोप पत्र के कुल 169 गवाहों में से 58 गवाहों का बयान दर्ज कराया था. सीबीआई ने दावा किया था कि आरोपित लखन वर्मा एवं राहुल वर्मा ने जानबूझकर जज अत्तम आनंद को टक्कर मारी जिनसे उनकी मौत हुई. वहीं बचाव पक्ष ने इसे महज एक दुर्घटना बताया था. सीबीआई की ओर से क्राइम ब्रांच के विशेष अभियोजक अमित जिंदल और बचाव पक्ष की ओर से डालसा के अधिवक्ता कुमार विमलेंदु ने अदालत में मुकदमे की पैरवी की.
मालूम हो कि दोनों आरोपी लखन वर्मा और राहुल वर्मा घटना के बाद से ही न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं जिन्हें अदालत ने दोषी करार दे दिया है. सीबीआई के विशेष अभियोजक अमित जिंदल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सजा के बिंदु पर सुनवाई के दिन वह अदालत से दोनों आरोपियों की फांसी की सजा की मांग करेंगे. दोनों ने न्यायपालिका पर हमला किया है.
वहीं बचाव पक्ष के अधिवक्ता कुमार विमलेंदु ने कहा कि एक ऑटो ड्राइवर जज की हत्या नहीं कर सकता. इस मामले में इंटेंशन और मोटीव दोनों का अभाव था. कोर्ट ने इस बिंदु पर विचार नहीं किया. कोर्ट के इस फैसले को हाईकोर्ट में अपील दायर कर चुनौती देंगे.
ऑटो की टक्कर से हुई थी जज की मौत
मालूम हो कि जज उत्तम आनंद की मौत 28 जुलाई 2021 की सुबह हुई थी. वह घर से सुबह की सैर पर निकले थे। धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर 5: 8 मिनट पर एक ऑटो ने धक्का मार दिया. अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था. सीबीआई ने दावा किया था कि 27 जुलाई 21 को दोनों मोबाइल चोरी करने में कामयाब नहीं हो पाए थे जिस कारण दोनों को अफसोस था इसी कारण दोनों ने यह तय किया था कि आज मोबाइल चोरी कर लेना है इसीलिए सुबह 5:00 बजे दोनों ऑटो लेकर निकले थे. मोबाइल छीनने के नियत से लखन ने जज साहब को टक्कर मारी थी और भाग गए थे. सीसीटीवी में भी यह घटना कैद हुई थी. घटना का सीसीटीवी फुटेज देखने से ऐसा प्रतीत हुआ कि यह हादसा नहीं है. जज को जानबूझकर धक्का मारा गया. इस घटना को सुप्रीम कोर्ट और झारखंड हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया. झारखंड सरकार की अनुशंसा पर मामले की जांच की जिम्मेवारी सीबीआइ को साैंप दी गई.पहले झारखंड सरकार द्वारा गठित एसआइटी ने मामले की जांच की. इसके बाद 4 अगस्त 21 को सीबीआइ को जांच सौंप दी गई थी. दो माह के अनुसंधान के बाद 20 अक्टूबर 21 को सीबीआई ने दोनों के विरुद्ध हत्या का आरोप लगाते हुए चार्जशीट दायर कर दिया था. वही सीबीआई ने हत्या के अलावा ऑटो चोरी एवं मोबाइल चोरी की दो अलग एपआईआर दर्ज की थी.
सोर्स - News Wing

Rani Sahu
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