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झारखंड में नक्सली भोले भाले किशोर और लोगों को ब्रेनवाश कर अपने टीम में शामिल कर बड़ी -बड़ी घटना को अंजाम दिलाने में सफल होते हैं
*स्पेशल क्राइम रिपोर्ट/ संजीत यादव*
Palamu: झारखंड में नक्सली भोले भाले किशोर और लोगों को ब्रेनवाश कर अपने टीम में शामिल कर बड़ी -बड़ी घटना को अंजाम दिलाने में सफल होते हैं. कई ऐसी बड़ी घटना पलामू प्रमंडल में हुई है.लेकिन अब पुलिस की बढ़ती कार्रवाई से नक्सली संगठन कमजोर पड़ गए हैं. नक्सली संगठन कमजोर होने पर नक्सली के टॉप कमांडरों को चिंता भी सता रही हैं. इसी को लेकर हाल के दिनों में बूढ़ा पहाड़ इलाकों में नक्सलियों द्वारा अपने विचारधारा की लड़ाई बता कर भोले-भाले लोग और बच्चों को ब्रेनवाश कर टीम में शामिल कर रहे हैं.सूत्र के माने तो नक्सलियों ने अपने विचार फैलाने के लिए कुछ जानकार व्यक्ति को रखे हैं. वह जानकार व्यक्ति जंगली इलाकों में भोले भाले लोगों के बीच जाकर कहानी के माध्यम से पूंजीपति, जमींदार और साम्राज्यवादी के प्रतीक बताते हैं जो देश की गरीब जनता का प्रतीक एक युवक को पैरों तले दबाने की भी बात करते हैं .
जानकारों ने पुलिस द्वारा व्यापारियों की सुरक्षा में खड़ी रहने की भी बात बताते हैं. इस कहानी में अपने साथ किशोर को नक्सली विचारधारा और पूंजीपतियों के कथित अत्याचार और नव जनवादी क्रांति की जानकारी देते हैं.फिर जिन्हें जानकारी देते हैं यही युवक गांव के लोगों को जागरूक करता है और उन्हें बताता है कि साम्राज्यवादियों के साथ पुलिस मिल गई है और हमें अपना जल-जंगल जमीन और हमारे लोगों की सुरक्षा के लिए खुद ही हथियार उठाना होगा. कुछ किशोर तो यह सब के बहकावे में आकर शामिल होकर बड़ी घटना को भी अंजाम दे चुके हैं. लेकिन अब झारखंड सरकार इसे रोकने के लिए कई जिलों में कई कार्यक्रम और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जागरूकता फैलाई जा रही है.
पलामू पुलिस का जागरूकता अभियान
जागरूकता कार्यक्रम के तहत पलामू डीआईजी राजकुमार लाकड़ा और लातेहार उपायुक्त भंवर सिंह यादव ने पलामू प्रमंडल के मनिका थाना क्षेत्र अंतर्गत आत्मसमर्पण कर चुके माओवादी संगठन के लोगों को पुलिस प्रशासन के द्वारा शॉल देकर सम्मानित किया गया.और माओवादी संगठन से जुड़े लोगों को आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा से जुड़ने के लिए अपील की है.पलामू डीआईजी राजकुमार लाकड़ा ने बताया कि जो नक्सलियों के द्वारा नेगेटिव वार किया जाता है. जैसे इंस्टिट्यूशन को उड़ा देना, रोड को उड़ा देना, बच्चों को ब्रेनवाश कर अपने साथ ले जाना. इसी को देखते हुए नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जो भी लोग माओवादी संगठन से जुड़े हैं वे लोग आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा से जुड़े पुलिस प्रशासन उनके सहयोग के लिए हमेशा तत्पर है. अगर नक्सलियों के द्वारा गांव के किसी भी लोगों को डराया धमकाया जाता है तो स्थानीय थाना को सूचित करें. या नहीं तो हमारे पास भी सूचित कर सकते हैं. गांव के लोग नक्सली संगठन के लोगों का सहयोग बिल्कुल नहीं करें.
Chandan
Rani Sahu
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