झारखंड

झारखंड जगुआर कैंप की सुरक्षा के लिए बनाये गये वॉच टावर में नहीं लगा है तड़ित चालक

Rani Sahu
4 Aug 2022 8:27 AM GMT
झारखंड जगुआर कैंप की सुरक्षा के लिए बनाये गये वॉच टावर में नहीं लगा है तड़ित चालक
x
झारखंड की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि यहां अक्सर वज्रपात की घटनाएं होती रहती हैं

Ranchi : झारखंड की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि यहां अक्सर वज्रपात की घटनाएं होती रहती हैं. झारखंड जगुआर कैंप की सुरक्षा के लिए 13 वॉच टावर बनाये गये हैं. जिनमें किसी में भी तड़ित चालक नहीं लगा है. झारखंड जगुआर का कैंप पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है जिस वजह से यहां वज्रपात होने की अत्यधिक संभावना बनी रहती है. ऐसे में किसी अप्रिय घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है. पढ़ें – महाराष्ट्र संकट : सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा, अभी शिंदे गुट की अर्जी पर कोई फैसला न करें, उद्धव ठाकरे को राहत

झारखंड जगुआर में 40 असॉल्टग्रुप और 12 बम स्क्वायड शामिल हैं
झारखंड जगुआर में 40 असॉल्ट ग्रुप और 12 बम स्क्वायड शामिल हैं. जिला बल और अर्धसैनिक बल के साथ जगुआर उग्रवाद उन्मूलन अभियान में जुटा है. जगुआर द्वारा अबतक 300 से अधिक उग्रवादी गिरफ्तार किये गये हैं, तो वहीं 28 उग्रवादियों को मार गिराया गया है. झारखंड जगुआर का गठन 19 फरवरी 2008 को हुई थी. गौरतलब है कि झारखंड में नक्सलियों से लड़ने के लिए झारखंड जगुआर यानी एसटीएफ का गठन हुआ था. इस फोर्स का गठन आंध्र प्रदेश के ग्रे हाउंड की तर्ज पर हुआ था.
नक्सलियों से लोहा लेने और उनके आतंक को न्यूट्रलाइज करने को लेकर झारखण्ड राज्य गठन के आठ वर्ष बाद झारखण्ड जगुआर की स्थापना की गई. इससे नक्सल प्रभावित इलाकों में केंद्रीय बलों पर निर्भरता कम हुई और झारखण्ड जगुआर राज्य की उम्मीदों पर खरा उतरा है.
नक्सलियों से मुठभेड़ में 21 जवान हुए हैं शहीद
झारखंड जगुआर के गठन के बाद नक्सलियों से लड़ाई में झारखंड जगुआर जवान के 21 जवान शहीद हो चुके हैं. जिनमें इंद्रदेव सिंह, ओम प्रकाश प्रसाद, मोहन कुमार नीरज, अशोक कुमार, बुधवा मुंडा, गोपाल लकड़ा, समरेश तिवारी, मुकेश कुमार शर्मा, मनोज बाखला, कृष्ण प्रसाद, अजीत ओड़ेया, परमानंद चौधरी, कुंदन कुमार सिंह, देवकुमार महतो, अजय कुजूर, खंजन कुमार महतो, अखिलेश राम, हरद्वार साह, देवेंद्र कुमार पंडित, किरण सुरीन और राजेश शामिल है.

by Lagatar News

Rani Sahu

Rani Sahu

    Next Story