झारखंड

मृत्युभोज प्रथा को बताया सामाजिक बुराई, पंजाबी समाज ने लगाई रोक

Rani Sahu
30 July 2022 10:28 AM GMT
मृत्युभोज प्रथा को बताया सामाजिक बुराई, पंजाबी समाज ने लगाई रोक
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जिले के पंजाबी समाज ने मृत्युपरांत ब्रह्म भोज प्रथा को सामाजिक बुराई मानते हुए इस पर रोक लगाई है

Koderma: जिले के पंजाबी समाज ने मृत्युपरांत ब्रह्म भोज प्रथा को सामाजिक बुराई मानते हुए इस पर रोक लगाई है. मुक्ति धाम में तीन दिन पूर्व पंजाबी समाज ने इस प्रथा पर रोक लगाने का निर्णय लिया. समाज के लोगों ने कहा कि सभी को खुशी में भोज और दुख में शोक मनाना चाहिए. मृत्यु भोज एक गंभीर सामाजिक बुराई है, परिवार के सदस्य के खोने का दुख और इस पर भारी-भरकम खर्च का कोई औचित्य नहीं है. कहा कि इसकी जगह इंसान और प्रकृति को बचाने के लिए पौधा लगाने, आर्थिक रूप से कमजोर बच्चियों की पढाई, विवाह में मदद करना चाहिए. साथ ही धर्मशाला, विवाह भवन में मृतक की आत्मा की शांति के लिए सामर्थ्य के अनुसार दान देने की अपील की गई. झुमरीतिलैया शहर के व्यवसायी विनय छाबड़ा की माता सीता रानी का निधन इसी सप्ताह हुआ था. इस पर गुरुद्वारा गुरुसिंह सभा में पाठ का आयोजन रखा गया था.

इसको लेकर अरदास कार्यक्रम में सभा के सचिव यशपाल सिंह सलूजा ने घोषणा की कि अब समाज में मृत्यु भोज बंद किया गया है. गुरुद्वारा में अरदास के बाद भोज की जगह केवल चाय-बिस्कुट दिया गया. वहीं कोडरमा नगर पंचायत की निर्वतमान उपाध्यक्ष कुलवीर सलूजा की झुमरीतिलैया में रहनेवाली ननद का भी दो दिन पूर्व निधन हो गया. इसको लेकर 30 जुलाई को गुरुद्वारा कलगीधर सभा में पाठ का समापन होगा. यहां प्रधान बलवंत सिंह लांबा मृत्यु भोज प्रथा पर रोक संबंधी घोषणा करेंगे. गुरुद्वारा गुरु नानकपुरा के प्रधान बलवीर सिंह भाटिया ने भी इसका स्वागत किया है.
शहर के होटल व्यवसायी अमरजीत सिंह छाबडा की माता सिदरपाल छाबडा का निधन पिछले दिनों हुआ. अब इसमें मृत्यु भोज नहीं होगा. बताते चले कि चार दिन पूर्व मुक्ति धाम समाज के लोगों ने बैठे-बैठे इसे अमलीजामा पहनाया और इस निर्णय में जसवीर भाटिया, सुदर्शन छाबडा, शशि सलूजा, अशोक अग्रवाल, गोपाल कृष्ण छाबडा, नरेन्द्र सिंह लाम्बा, हरजीत सिंह सलूजा, अनिल सलूजा, वीरू कालरा, संजु लांबा, गुरमीत भाटिया ने अहम भूमिका निभाई है. झुमरीतिलैया में 275 घर पंजाबी समाज के हैं और मृत्यु भोज में लगभग एक लाख का खर्च आ जाता था. अब यह राशि परिवार के लोग सामाजिक एकीकरण कार्यक्रम में खर्च कर सकते हैं.

सोर्स- News Wing

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