झारखंड

यूपीएससी क्लियर करने का फर्जी दावा करने वाले सौरभ पर प्राथमिकी दर्ज

Rani Sahu
29 July 2022 1:28 PM GMT
यूपीएससी क्लियर करने का फर्जी दावा करने वाले सौरभ पर प्राथमिकी दर्ज
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यूपीएससी क्लियर करने का फर्जी दावा करने वाले सौरभ पर धुर्वा थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी है

Ranchi: यूपीएससी क्लियर करने का फर्जी दावा करने वाले सौरभ पर धुर्वा थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. उच्च एवं तकनिकी शिक्षा विभाग के एमआईएस पदाधिकारी कुमार चंदन ने यह प्राथमिकी दर्ज कराया है. दर्ज प्राथमिकी में बताया गया है कि उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा 26 जुलाई को प्रोजेक्ट भवन सभागार धुर्वा में सीएम के द्वारा यूपीएससी 2021 में झारखंड के सफल अभ्यर्थियों को सम्मानित करने के लिए अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम के लिये विभाग के तरफ से सभी जिलों के डीसी से अपने क्षेत्र के सफल अभ्यर्थियों क का सूचना उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया था. जिसमें पलामू के सफल अभ्यार्थी के रुप में कुमार सौरभ के बारे में सुचित किया गया था. इस कार्यक्रम में परिजनों और अभिभावको के साथ कुमार सौरभ शामिल होकर सीएम का अभिनंदन भी ग्रहण किया. इस क्रम में सूचना मिली कि यूपी के कुमार सौरभ ने 357 रैंक और सही रोल नंबर धारण करने वाला अभ्यर्थी होने का दावा किया. परीक्षा से संबंधित दस्तावेज की प्रतियां उपलब्ध कराते हुए पलामू के कुमार सौरभ को फर्जी बताया. यह भी ज्ञात हुआ कि इस तथाकथित कुमार सौरभ जिसका वास्तविक नाम सौरभ पांडेय है. परीक्षा के प्रकाशन के समय से ही मीडिया एवं स्थानीय लोगों के समक्ष स्वयं को 357 वी रैंक एवं उक्त रोल नंबर धारक घोषित किया. फर्जी सूचना देने और जालसाजी के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गयी है.

मीडिया में छाया रहा था सौरभ
दरअसल, गत 30 मई को सौरभ पांडेय के कथित तौर पर यूपीएससी की परीक्षा पास होने पर वह मीडिया में छाए रहे. सौरभ की सफलता के पीछे उनकी बहन का हाथ बताया गया और उसके संघर्ष की कहानी समाचार पत्रों में सुर्खियां बनी. बड़ी बहन गांव में बच्चों को कोचिंग क्लास कराती हैं. इससे जो रुपये जमा होते थे वह उसकी पढ़ाई के लिए दिल्ली भेजती थी. सौरभ के पिता का निधन एक दशक पूर्व हो गया है. सौरभ के संघर्ष की कहानी में उसकी बहन को प्रमुखता से जोड़ा गया और खूब वाहवाही लूटी गई.
फर्जी वाहवाही लूटने का मामला पहला नहीं
पलामू में यूपीएससी परीक्षा पास कर फर्जी वाहवाही लूटने का मामला पहला नहीं है. इससे पहले वर्ष 2020 की परीक्षा में मेदिनीनगर के आबादगंज निवासी अविनाश कुमार ने भी कुछ इसी तरह स्वयं को पास बताया था. बिहार और झारखंड के दो कंडिटेड का एक ही नाम अविनाश कुमार रहने के कारण बिना कुछ जांच समझे अविनाश कुमार ने भी अपनी सफलता की कहानी गढ़ दी थी. दरअसल, जिस दिन रिजल्ट आया था कि उस दिन अविनाश के दोस्त ने फोन कर बताया था कि उसका यूपीएससी में चयन हो गया है. इससे कुछ घंटे तक भारी कंफ्यूजन हुआ था. हालांकि बाद में कॉल कर के अविनाश ने सभी मीडिया प्रतिनिधियों से माफी मांगी और कहा कि दोस्त ने गलती से उसके चयन होने की जानकारी दे दी थी. कहा था कि दोस्त के मैसेज को विश्वास में लेकर ऑनलाइन चेक नहीं किया और खबर प्रसारित कर दी थी.
27 जुलाई को सीएम ने किया सम्मानित
बुधवार को झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने यूपीएससी में सफल छात्रों को पुरस्कृत किया, सभी ने हेमंत सोरेन के साथ फोटो भी खिंचवाई. पलामू के पांडू के रहने वाले कुमार सौरभ ने सीएम के साथ फोटो खिंचवाई और सम्मान ग्रहण किया. जानकारी के अनुसार यूपीएससी में चयन की जानकारी केंद्र सरकार के कार्मिक विभाग को रहती है. कैडर बंटवारे के बाद राज्य को सूचना दी जाती है, लेकिन उससे पहले ही झारखंड सीएमओ ने मीडिया रिपोर्ट के आधार पर कुमार सौरव को सम्मानित कर दिया.

सोर्स- News Wing

Rani Sahu

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