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एनसीडब्ल्यू -11 के अंतर्गत कोयला मजदूरों के लिए वेतन समझौता में हो रही देरी, कोयला उद्योग के 160 कोयला खदानों को एनएमपी के तहत लाने, कोल इंडिया की कंपनी बीसीसीएल का 25 प्रतिशत शेयर बेचने की साज़िश और श्रम कानूनों को मालिकों के पक्ष में बदल कर मजदूरों को गुलाम बनाने वाले लेबर कोड के खिलाफ आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए सीटू और आल इण्डिया कोल फेडरेशन के नेतृत्व ने एक लंबी लड़ाई की तैयारी का आह्वान किया गया
Dhanbad : एनसीडब्ल्यू -11 के अंतर्गत कोयला मजदूरों के लिए वेतन समझौता में हो रही देरी, कोयला उद्योग के 160 कोयला खदानों को एनएमपी के तहत लाने, कोल इंडिया की कंपनी बीसीसीएल का 25 प्रतिशत शेयर बेचने की साज़िश और श्रम कानूनों को मालिकों के पक्ष में बदल कर मजदूरों को गुलाम बनाने वाले लेबर कोड के खिलाफ आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए सीटू और आल इण्डिया कोल फेडरेशन के नेतृत्व ने एक लंबी लड़ाई की तैयारी का आह्वान किया गया.
सेमिनार को संबोधित करते हुए आल इंडिया कोल फेडरेशन के नेता और जेबीसीसीआई सदस्य सुजीत भट्टाचार्य ने कहा कि वर्ष 2021-22 में कोयला मजदूरों ने परिश्रम कर 623 मिलियन टन कोयला का उत्पादन किया. इसी वर्ष 22-23 के पहली तिमाही अप्रैल -जुन में कोल इंडिया के उत्पादन में पिछले वर्ष की तुलना में 28.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है जो कि करीब 36 मिलियन टन के बराबर है. वर्ष 2021-22 में कोल इंडिया ने 17,378 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा कमाया है. लेकिन इतने लाभ के बावजूद कोयला प्रबंधन केवल 3 प्रतिशत एमजीबी का प्रस्ताव देकर कोयला मजदूरों का अपमान कर रहा है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार देश के किसानों ने किसान विरोधी तीन कानूनों को वापस कराया और अगले चरण के आंदोलन की तैयारी कर रहें हैं उसी प्रकार मजदूर वर्ग भी सरकार की मजदूर विरोधी और राष्ट्र विरोधी नीतियों के खिलाफ एक बड़े और संयुक्त संघर्ष का बिगुल फुंकने के लिए तैयार हो रहें हैं.
सेमिनार में बोलते हुए सीटू के धनबाद जिला सचिव मानस मुखर्जी ने कहा कि आज मजदूरों को अपनी एकता को बनाए रखना है. क्योंकि शासक वर्ग सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के माध्यम से मजदूरों को विभाजित करने की साज़िश रच रही है.
स्टाफ कोआर्डिनेशन के महासचिव उदय कुमार सिंह ने कहा कि इस सेमिनार के माध्यम से कोयला मजदूरों के बीच एक सघन अभियान की शुरुआत की जा रही है.
सेमिनार की अध्यक्षता डी.एस.शुकल ने की तथा संचालन उदय सिंह ने किया. सेमिनार का उद्घाटन स्टाफ कोआर्डिनेशन के संस्थापक रामानुज प्रसाद ने किया. मुख्य वक्ताओं में सुजीत भट्टाचार्जी, प्रकाश विपल्व, रामानुज प्रसाद, डी.एस.शुक्ला, उदय कुमार सिंह, मानस चटर्जी, हेमन्त मिश्रा, हराधन राजवार, युद्धेश्वर सिंह, सपन माजी, भारत भूषण, श्रिमती रिंकू दुबे एवं मिता पाल इत्यादि शामिल थे.
कार्यक्रम सफल बनाने में मुख्य भूमिका राजीव बोस, आशिष सिंह, महेन्द्र सिंह, जितेन्द्र महतो, डी.एन सिंह, अरविन्द कुमार, राणा राजेश सिंह, विजय महतो, सुखांत नायक, अमित कुमार शरण, दीपक सरकार, रंजन बसु, सुनिल महतो, ठाकुर लाल महतो समेत सेमिनार में सैकड़ों लोग उपस्थित हुए.
Rani Sahu
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