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धनबाद जिले के पुटकी थाना पुलिस ने एक पुराने मामले में एक निजी न्यूज चैनल के मालिक अरूप चटर्जी को गिरफ्तार किया है
Dhanbad: धनबाद जिले के पुटकी थाना पुलिस ने एक पुराने मामले में एक निजी न्यूज चैनल के मालिक अरूप चटर्जी को गिरफ्तार किया है. धनबाद के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संजय कुमार सिंह की अदालत ने अरूप को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. जानकारी के अनुसार पुटकी थाना 2018 में मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में अरूप चटर्जी पर आईपीसी की धारा 406, 420, 120(बी) के तहत मामला दर्ज है.
गौरतलब है कि जिस केस में धनबाद कोर्ट ने अरूप चटर्जी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा है उसी केयर विजन चिट फंड केस में धनबाद सीबीआई की एसीबी ब्रांच ने भी एफआईआर दर्ज कर रखा है. और इसी मामले में सीबीआई ने अरूप से पूछताछ के लिए दो बार 7 जुलाई और 18 जुलाई को नोटिस भेजा है. इसमें कंपनी से जुड़े निदेशक, पार्टनर, ब्रांच मैनेजर भी जांच के दायरे में है. सीबीआई की एसीबी ब्रांच अरूप को रिमांड में लेने की तैयारी कर चुकी है. कागजी प्रक्रिया पूरी की जा रही है.
दरअसल अरूप की चिट फंड कंपनी पर निवेशक का पैसा गबन करने का आरोप है. जिसके आधार पर अदालत ने अरूप को पेश करने का आदेश दिया था. कोर्ट के आदेश के आलोक में जेल प्रशासन ने अरूप के धनबाद कोर्ट में बुधवार को पेश किया. जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया.ी
जेल में दी जा रही है यातनाएं-अरूप
बुधवार को पेशी के दौरान अदालत को अरूप ने कहा कि जेल में उन्हें यातनाएं दी जा रही है. मैं पत्रकार हूं पुलिस द्वारा कराए जा रहे कोयला चोरी का भंडाफोड़ किया था. जिसके लिए प्रशासन के आदमी लगातार जेल में मेरे पीछे लगे हुए हैं. मुझे किसी बंदी से बात नहीं करने दिया जा रहा. मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है. जेल में किसी भी बंदी को कोई सुविधा नहीं दी जा रही है. इसी कारण बंदियों से मुझे मिलने भी नहीं दिया जा रहा. मेरा इलाज भी नहीं कराया जा रहा है. जबकि मेरा अभी ब्लड प्रेशर काफी बढ़ा हुआ है. अरूप ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी से यह प्रार्थना की कि जेल प्रशासन को आदेश दिया जाए कि उसका समुचित इलाज हो. अरूप की बात सुनने के बाद अदालत ने अभी आदेश सुरक्षित रखा है. सुनवाई के दौरान अदालत में आज आरूप की पत्नी बेवी चटर्जी और उनका पुत्र भी उपस्थित थे.
अरूप की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता शाहनवाज, हुसैन हैकल, मो. रफीक ने इस मामले में जमानत की अर्जी दायर कर दी. अधिवक्ता शाहनवाज ने बताया कि जमानत अर्जी पर गुरुवार को सुनवाई होगी.
वहीं दूसरी ओर फर्जीवाड़ा और गबन के आठ वर्ष पुराने एक और मामले में अरूप चटर्जी को कोर्ट के सामने पेश किया गया. धनबाद की प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी अनुष्का जैन की अदालत ने इस मामले में भी अरूप को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा है. इस मामले में भी अरूप की ओर से अधिवक्ता शाहनवाज, हुसैन हैकल एवं मो रफीक ने जमानत की अर्जी दायर कर दी. वही सूचक सुरेश सिंह ने भी इस मामले में सुलहनामा की अर्जी दायर कर दी है.
बताते चलें कि मंगलवार को हाइकोर्ट से जमानत मिलने के बाद लगा था अरूप चटर्जी जेल से बाहर आ जाएंगे. हाईकोर्ट ने राकेश ओझा से रंगदारी मांगने के मामले में जमानत दे दी थी. लेकिन, इसके बाद पुलिस ने आरोपी को जेल में रखने के लिए कानूनी दांव पेंच लगाया. पुलिस ने कोर्ट में आवेदन लगाई और पुटकी के एक पुराने गबन के एक मामले में अरूप को रिमांड करने का आवेदन अदालत में दिया था. जिसके आधार पर अरूप चटर्जी का जेल से बाहर निकलने का सपना टुट गया. तैयारी धरे रह गई.
क्या है केयर विजन चिट फंड केस :
प्राथमिक लोयाबाद निवासी मनोज पंडित के शिकायत पर केयर ग्रुप ऑफ कंपनी के डायरेक्टर अरूप चटर्जी और राकेश सिन्हा के विरुद्ध पुटकी थाना कांड संख्या 91/18 दर्ज की गई थी. प्राथमिकी के मुताबिक कंपनी ने लुभावना स्किम का प्रलोभन देकर कंपनी में रुपया जमा करने का प्रचार किया और लोगों का रुपया कंपनी में जमा करवाने लगा मनोज भी कंपनी का एजेंट था जिसने कंपनी के प्रलोभन में आकर कई लोगों का पैसा कंपनी में जमा करवाया. जब कंपनी में काफी रुपया जमा हो गया तो कंपनी पैसा लौटाने में आनाकानी करने लगी और बैंक मोड स्थित ऑफिस को बंद कर भाग गया. मनोज ने आरोप लगाया था कि कंपनी और उसके प्रबंध निदेशक ने लोगों का करीब 9 लाख रुपया गबन करने के उद्देश्य से जमा करवाया और कंपनी बंद करके भाग गई.
Rani Sahu
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