झारखंड

तालाबों में कम पानी रहने से स्पॉन डालने से कतरा रहे हैं मत्स्य पालक

Rani Sahu
30 July 2022 8:29 AM GMT
तालाबों में कम पानी रहने से स्पॉन डालने से कतरा रहे हैं मत्स्य पालक
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मॉनसून की पतली हुई हालत नें जिले में एक तरफ़ किसानों की सारी उम्मीदों को झूलसा दिया है

Giridih : मॉनसून की पतली हुई हालत नें जिले में एक तरफ़ किसानों की सारी उम्मीदों को झूलसा दिया है. तो वहीं दूसरी ओर बारिश ना होने से जिले के मत्स्य पालकों के माथे पर परेशानी की लकीरें बढ़ने लगी हैं. आधा सावन गुज़रा जाने के बाद भी जिले में पर्याप्त बारिश नहीं हुई. तालाब खुद प्यासी हैं. इस समय मत्स्य पालक अपने अपने तालाबों में मछली पालन के लिए स्पॉन डालते हैं. लेकिन तालाबों में कम पानी रहने के कारण अधिकांश मत्स्य पालक अब स्पॉन डालने से कतरा रहे हैं.

बारिश नहीं हुई तो होगा भारी नुकसान
हर साल जुलाई के अंत तक अमूमन सभी तालाब पानी से लबालब भर जाते थे. लेकिन इस साल मानसून की दगाबाजी से जिले के लगभग 90 प्रतिशत तालाबों में दस से बीस प्रतिशत ही पानी है. मत्स्य पालकों को ये चिंता सता रही है कि अगर वे कम पानी में स्पॉन डाल दें और बारिश नहीं हो तो उन्हें भारी नुकसान हो सकता है. जिले के 13 प्रखंडो में जिला मत्स्य विभाग मछली पालकों को स्पॉन प्रदान करती है. कुछ मत्स्य पालक अपने खर्च से पश्चिम बंगाल से स्पॉन का आयात करते हैं. फिलहाल जिले में बारिश नहीं होने से तालाबों में नाममात्र पानी बचा है. ऐसे में मत्स्य पालक तालाब में स्पॉन डालने से कतरा रहे हैं.
धैर्य रखें, एक सप्ताह के में होगा स्पॉन वितरण – उषा किरण
जिला मत्स्य पदाधिकारी उषा किरण ने कहा कि मत्स्य पालक धैर्य रखें. अगर तालाबों में पानी कम है तो उसमें स्पॉन को डाला जा सकता है. हो सकता है कि कुछ दिनों में बारिश हो और तालाबों को पर्याप्त पानी मिल जाये. कहा कि एक सप्ताह के अंदर मत्स्य पालकों को विभाग के द्वारा स्पॉन प्रदान किया जाएगा.

by Lagatar News

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