जेपीएससी-जेएसएससी से मांगा जवाब, कोर्ट ने पूछा, प्रार्थी ने कितने अंक पाये और कट ऑफ मार्क्स क्या है
राँची न्यूज़: झारखंड हाईकोर्ट ने आरक्षण का लाभ नहीं दिए जाने पर जेपीएससी और जेएसएससी से जवाब मांगा है. जस्टिस एस चंद्रशेखर और जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की अदालत ने दोनों से पूछा है कि प्रार्थी किस श्रेणी से आते हैं और कितना अंक हासिल किया है. प्रार्थियों की श्रेणी का कट ऑफ मार्क्स कितना था. सामान्य श्रेणी का कट ऑफ मार्क्स क्या था.
इस संबंध में डॉ नूतन इंदवार समेत 23 अन्य की ओर से हाईकोर्ट में अपील दाखिल की गई है. याचिका में कहा गया है कि जेपीएससी और जेएसएससी की ओर से दंत चिकित्सक, शिक्षक और रेडियो ऑपरेटर समेत अन्य पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया था. कुछ प्रार्थियों ने जेपीएससी और कुछ ने जेएसएससी की ओर से जारी विज्ञापन में आवेदन दिया था, लेकिन आयोग ने इनके जाति प्रमाणपत्र को स्वीकार नहीं किया और इन्हें सामान्य श्रेणी में शामिल कर लिया, जिस कारण इनका चयन नहीं हो पाया. प्रार्थियों ने अपनी श्रेणी में निर्धारित कट ऑफ मार्क्स से ज्यादा अंक प्राप्त किया है, इसलिए उन्हें आरक्षण का लाभ देते हुए उनका चयन किया जाना चाहिए.
जेपीएससी का पक्ष- जाति प्रमाणपत्र शर्तों के अनुरूप नहीं था जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल और प्रिंस कुमार सिंह ने अदालत को बताया कि प्रार्थियों का जाति प्रमाणपत्र विज्ञापन की शर्तों के अनुरूप नहीं था. विज्ञापन जारी होने के बाद शर्तों में बदलाव नहीं किया जा सकता है, इसलिए इन्हें सामान्य श्रेणी में रखा गया था. इसके बाद अदालत ने जेपीएससी से जवाब मांगा है. मामले में अगली सुनवाई होगी.