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विपक्षी एकता की बैठक के बाद से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा के निशाने पर जबरदस्त तरीके से हैं। भाजपा नीतीश कुमार पर कोई भी निशाना साधने का मौका नहीं छोड़ना चाहती। कभी नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाने वाले वरिष्ठ भाजपा नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने एक बार फिर से उन पर प्रहार किया है। सुशील कुमार मोदी ने साफ तौर पर पूछा है कि नीतीश कुमार को बताना चाहिए कि क्या केंद्र में उनकी सरकार आने के बाद धारा 370 को फिर से बहाल किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने नीतीश कुमार से कई सवाल पूछे हैं।
सुशील मोदी ने कहा कि क्या नीतीश कुमार केंद्र की सत्ता वे दिन लौटाना चाहते हैं, जब देवगौड़ा-गुजराल जैसे कमजोर प्रधानमंत्री होते थे और सरकार छह-सात महीनों में बदल जाती थी? उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को यदि न कोई नाराजगी है, न वे विपक्षी मंच के संयोजक बनना चाहते हैं, बल्कि सिर्फ "बदलाव" चाहते हैं, तो उन्हें जनता को बताना चाहिए कि क्या-क्या बदलाव चाहते हैं? मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार दरअसल अपनी कुर्सी में बड़ा बदलाव चाहते हैं और उसकी सम्भावना खत्म हो चुकी है। असली पीड़ा यही है। मोदी ने कहा कि क्या वे चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर में फिर से धारा-370 प्रभावी कर दी जाए और अलगाववादी नेताओं को रिहा कर उन्हें वार्ता के लिए बुलाया जाए, बिरयानी खिलायी जाए?
मोदी ने कहा कि क्या विपक्ष दिल्ली में ऐसी सरकार चाहता है, जो सर्जिकल स्ट्राइक न कर सके? उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने तो धारा-370, सर्जिकल स्ट्राइक, नोट बंदी और जीएसटी के मुद्दे पर केंद्र सरकार का समर्थन किया था। अब क्या वे अपने फैसले को गलत मानते हैं? मोदी ने कहा कि क्या नीतीश कुमार किसान सम्मान निधि की शुरुआत, फौरी तीन तलाक पर रोक और सामान्य वर्ग के युवाओं को 10 फीसद आरक्षण (ईडब्लूएस कोटा) जैसे ऐतिहासिक फैसले भी बदल देना चाहते हैं? उन्होंने कहा कि यदि हिम्मत हो, तो नीतीश कुमार ऐलान करें कि यदि उनके मन की सरकार बनी , तो वे जन-धन खाता, वन रैंक-वन पेंशन, गरीबों को मुफ्त राशन और आयुष्मान भारत जैसी योजनाएँ बंद करा देंगे। क्या वे यही बदलाव चाहते हैं?
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