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छुट्टी पर शादी का वादा करके गया,जम्मू के अंकुश आगरा में शहीद
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | मैं देश ले लिए कुर्बान हो जाउंगा। ट्रेनिंग से पीछे नहीं हटूंगा, चाहे कितनी भी खतरनाक क्यों न हो। ट्रेनिंग पर जाने से पहले दोस्तों और चचेरे भाई के साथ शहीद अंकुश शर्मा की यही आखिरी गुफ्तगू थी। वादा करके गया था कि अगली छुट्टी आउंगा तो शादी कर लूंगा, मगर उसने मौत को ही दुल्हन बना लिया। यह यादें हैं बिश्नाह कस्बे की पंचायत खैरी बी कोठे सडोत्रे के रहने वाले नौसेना के कमांडो अंकुश शर्मा (28) की जो वीरवार रात 11.30 बजे पैरा ट्रूपिंग के दौरान आगरा के पास एक हादसे में शहीद हो गए। दरअसल जैसे ही वह जहाज से कूद उनका पैराशूट हाइटेंशन लाइन में अटक गया।
बुरी तरह झुलसने पर उनको मिलिट्री अस्पताल ले जाया गया लेकिन वह शहादत का जाम पी गए। शहादत की सूचना मिलते ही गांव में मातम छा गया। विशाखापट्टनम में तैनात अंकुश कुछ दिनों से ट्रेनिंग पर थे। अंकुश के शहीद होने की खबर सबसे पहले सीआरपीएफ में तैनात उनके बड़े भाई प्रदीप शर्मा को मिली। शहीद का पार्थिव शरीर लेने के लिए उसके बड़े भाई प्रदीप शर्मा सहित अन्य रिश्तेदार आगरा पहुंच गए हैं। शनिवार को शव पैतृक गांव में पहुंचेगा और उसके बाद अंतिम संस्कार होगा। अंकुश शर्मा की प्राथमिक शिक्षा गांव में ही हुई है। उसके बाद नवोदय विद्यालय नड से उन्होंने दसवीं की। 12वीं की पढ़ाई रणवीर हायर सेकेंडरी जम्मू से पूरी की। 12वीं के बाद वह नौसेना में भर्ती हुए। उनकी तैनाती का यह 12वां साल था।
शहीद के परिवार में माता-पिता, बड़ा भाई और एक बहन हैं। भाई-बहन दोनों की शादी हो चुकी है। अंकुश अभी अविवाहित थे। पिता श्यामलाल शर्मा सेवानिवृत्त शिक्षक हैं और माता तृप्ता देवी गृहिणी हैं। बड़ा भाई प्रदीप शर्मा सीआरपीएफ में हैं और बन तालाब में तैनात हैं। वीरवार रात टेलीफोन के जरिए बड़े भाई को अंकुश की मौत की खबर दी गई। घर पहुंचने पर प्रदीप शर्मा ने चचेरे भाई को इस बात की जानकारी दी और कहा कि वह साहस नहीं कर पा रहे कि माता-पिता को इस दुखद घटना के बारे में बता सकें। जब घर के सदस्यों को बताया गया तो मातम छा गया। शहीद के घर पर आस-पड़ोस के लोग और रिश्तेदार पहुंच गए। इलाके में अंकुश की मौत की खबर सुनकर हर कोई दुख में है।
अंकुश मेरा सबसे अजीज था। जब भी छुट्टी आता मेरे साथ ही घूमने जाता। अब आया तो मेरा साथ काफी समय बिताया, अब कौन...कहते ही साहिल सैनी का गला भर गया। आंखें तर हो गईं। लंबी सांस लेकर दोस्त साहिल कहते हैं...मैंने बहुत मना किया उसे न जा इस ट्रेनिंग में। बहुत खतरनाक होती है यह। जान का खतरा रहता है। मैंने ही नहीं सब ने मना किया। ताया के लड़के से उसका बहुत प्यार था। उसने (राजू) ने भी मना किया। हमें तो उसने मना कर दिया मगर चुपके से अपना नाम दे दिया। कहता था-शहीद हो जाउंगा तो क्या। देश मेरी लिए सबसे पहले है। मैंने कहा कि शादी की उम्र हो गई है तेरी अब कर ले, तो बोला-कर लूंगा। अगली छुट्टी यही काम निपटाउंगा। यह कहते फूट-फूटकर रोने लगा, रुंधे गले से यह निकल रहा था मेरा यार अमर हो गया, उसने तो मौत को ही दुल्हन बना लिया।