जम्मू और कश्मीर

जम्मू में पांच फीसदी जीएसटी लगाने के फैसले से व्यापारियों में रोष, गरीबों के लिए रोटी का जुगाड़ करना होगा महंगा

Renuka Sahu
17 July 2022 3:55 AM GMT
Traders are furious due to the decision of imposing 5% GST in Jammu, it will be costly to juggle bread for the poor.
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फाइल फोटो 

जीएसटी काउंसिल की ओर से पांच फीसदी जीएसटी लगाने के फैसले से व्यापारियों में रोष है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जीएसटी काउंसिल की ओर से पांच फीसदी जीएसटी लगाने के फैसले से व्यापारियों में रोष है। शनिवार को ट्रेर्ड्स फेडरेशन वेयरहाउस हाउस नेहरू मार्केट ने वेयहाउस (पुलिस पोस्ट) के पास प्रदर्शन कर नारेबाजी की। फेडरेशन के अध्यक्ष दीपक गुप्ता ने कहा कि फैसले के बाद गरीबों को दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना महंगा होगा।

जीएसटी चावल, दाल, अन्य खाद्य वस्तुओं पर लगाया जा रहा है। यह फैसला व्यापारियों लोगों के हित में नहीं है। पहले ही लोग महंगाई से परेशान हैं। अगस्त माह से हर खाद्य वस्तु महंगी हो जाएगी। दीपक गुप्ता ने कहा कि प्री-पैक्ड और लेबल वाले खाद्य पदार्थों पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाने के निर्णय से खाद्यान्न व्यापारियों को सीधा नुकसान होगा। इससे गैर-ब्रांडेड रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं की कीमतें भी बढ़ेंगी, जो गरीबों पर अतिरिक्त बोझ होगा।

पहले इन वस्तुओं के केवल ब्रांडेड संस्करणों पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगता था। देश में सिर्फ 15 फीसदी आबादी ही ब्रांडेड सामान का इस्तेमाल करती है। अब इन 85 फीसदी लोगों को भी टैक्स का बोझ उठाना पड़ेगा। एक तरफ प्रधानमंत्री गरीबों को मुफ्त राशन बांट रहे हैं और दूसरी तरफ जीएसटी परिषद आम आदमी के खाने पर पांच फीसदी टैक्स लगा रही है। उन्होंने कहा कि सभी प्रकार के पूर्व-पैक, पूर्व-लेबल वाले खाद्यान्न और अन्य वस्तुओं को पांच प्रतिशत जीएसटी कर स्लैब के तहत लाने के लिए खाद्यान्न व्यापारियों में आक्रोश है। प्रदर्शन में चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री जम्मू के पूर्व महासचिव पृथ्वी पाल गुप्ता, राजेंद्र बाजार एसोसिएशन के चेयरमैन कृति गुप्ता, दाल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश भगोत्रा, सूगर एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय गुप्ता, प्याज यूनियन के अध्यक्ष शाम लाल, किराना एसोसिएशन के अध्यक्ष अनूप मित्तल, कनक मंडी ट्रेर्ड्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल कोहली, अप्सरा रोड ट्रेर्ड्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अंकुर गुप्ता आदि मौजूद रहे।

पहले विशेष खाद्य पदार्थ पर नहीं था जीएसटी

रिटेलर्स फेडरेशन के अध्यक्ष यश पाल गुप्ता ने कहा कि पहले विशेष खाद्य पदार्थ जैसे अनाज जो अब तक ब्रांडेड नहीं है, में जीएसटी में छूट दी गई थी। परिषद के इस निर्णय के बाद पहले से पैक्ड और प्री-लेबल रिटेल पैक जिसमें दही, लस्सी और छाछ शामिल हैं पर अब जीएसटी लगेगा। इस फैसले के तहत अगर कोई किराना दुकानदार भी अपनी वस्तु की पहचान के लिए किसी भी निशान से भरे खाद्य पदार्थ बेचता है तो उसे उस खाद्य पदार्थ पर जीएसटी देना होगा। पनीर, छाछ, डिब्बा बंद दही, गेहूं का आटा, अन्य अनाज, शहद, पापड़, खाद्यान्न, मांस और मछली, फूला हुआ चावल और गुड़ आदि जैसे पूर्व-पैक लेबल वाले कृषि उत्पाद भी महंगे हो जाएंगे।

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