जम्मू और कश्मीर

आज सामूहिक पलायन करेंगे कश्मीरी पंडित, अब तक 1800 लोगों समेत तीन हजार कर्मचारियों ने छोड़ी घाटी

Renuka Sahu
3 Jun 2022 12:51 AM GMT
Today, Kashmiri Pandits will do mass migration, till now three thousand employees including 1800 people have left the valley
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फाइल फोटो 

दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में 48 घंटे के भीतर हुई दूसरे हिंदू मुलाजिम की हत्या के बाद कश्मीरी पंडितों ने घाटी में सभी जगहों पर प्रदर्शन स्थगित कर दिया है। साथ

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में 48 घंटे के भीतर हुई दूसरे हिंदू मुलाजिम की हत्या के बाद कश्मीरी पंडितों ने घाटी में सभी जगहों पर प्रदर्शन स्थगित कर दिया है। साथ ही शुक्रवार को जम्मू की ओर सामूहिक पलायन करने का फैसला लिया है। उन्होंने सभी साथियों से क़ाजीगुंड में नवयुग टनल के पास एकत्रित होने को कहा है। अब तक 1800 कश्मीरी पंडितों समेत तीन हजार से अधिक सरकारी मुलाजिम घाटी छोड़ चुके हैं।

श्रीनगर के इंदिरा नगर इलाके में वीरवार को लगातार दूसरे दिन भी सख्त पाबंदियां रहीं। जहां-जहां कश्मीरी पंडित रहते हैं वहां मोहल्लों के बाहर पुलिस और अर्र्धसैनिक बलों की भारी तैनाती है। किसी को भी बाहर निकलने की अनुमति नहीं है। मीडिया को भी उनके पास नहीं जाने दिया जा रहा है। ऐसी ही खबरें कश्मीर घाटी के लगभग सभी ऐसी जगहों से मिल रही हैं। सूत्रों ने बताया कि कश्मीरी पंडितों के कैम्पस को बाहर से बंद किया गया है।
स्थिति सरकार के नियंत्रण से बाहर
कुलगाम में बैंक मैनेजर की हत्या के बाद से दहशत और बढ़ गई है। एक कश्मीरी पंडित महिला कर्मचारी का एक वीडियो संदेश वायरल हो रहा है जिसमें महिला जम्मू की ओर रवाना होने की अपील करती नजर आ रही है। वह कह रही है कि अब बहुत हो गया। हम कई वर्षों से यहां रह रहे हैं लेकिन आज जो स्थिति बनी है वो पूरी तरह सरकार के नियंत्रण से बाहर है। इसलिए हम सभी कर्मचारियों ने फैसला किया है कि हम घाटी छोड़कर जा रहे हैं। अब सरकार पर निर्भर है कि वो हमें वहां नौकरियां दे या नहीं।
बैठक के बाद प्रदर्शन स्थगित करने का फैसला
इस बीच बारामुला जिले की वीरवन पंडित कॉलोनी के अवतार भट ने बताया कि अब हमने प्रदर्शन स्थगित करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि आये दिन हत्याएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। कश्मीर माइनॉरिटी फोरम की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि विजय कुमार की हत्या के बाद एक विशेष बैठक में फैसला लिया गया कि कश्मीर में हो रहे प्रदर्शन को स्थगित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अब अल्पसंख्यकों के पास कोई और विकल्प नहीं रहा है, इसलिए वह शुक्रवार जम्मू की ओर पलायन करें। सभी को नवयुग टनल के पास एकत्रित होने की अपील की जाती है वहां से आगे की रणनीति तय की जाएगी।
कश्मीरी पंडितों को रोका जा रहा पलायन से
बताया जा रहा है कि वीरवार सुबह से ही कई जगहों पर कश्मीरी पंडितों ने पलायन करने की कोशिश की, लेकिन उनकी कॉलोनियों के बाहर सुरक्षाबलों की तैनाती ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। इस बीच सूत्रों के अनुसार अनंतनाग के मट्टन से करीब 21 परिवार, बारामुला से 5, शेखपोरा से 12, श्रीनगर से 7 परिवार निकल चुके हैं। एक कश्मीरी पंडित ने बताया कि इससे ज्यादा निकले होंगे लेकिन जो कोई तड़के सुबह सवेरे निकला वो निकल पाया लेकिन उसके बाद से किसी को भी निकलने नहीं दिया गया।
1800 कश्मीरी पंडित कर चुके पलायन
सूत्रों के अनुसार, घाटी में करीब 8000 कर्मचारी हैं, जिनमें से करीबी 1800 ऐसे हैं जिनके साथ करीब 3 से 4 पारिवारिक सदस्य भी हैं। करीब 1300 को ट्रांजिट कैंप में आवासीय सुविधा मिली है जबकि बाकी के किराये के घरों में रह रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक 12 मई को राहुल भट की हत्या के बाद से करीब 1800 कश्मीरी पंडित घाटी से जम्मू की ओर पलायन कर चुके हैं। उनका कहना है कि अब जम्मू में प्रदर्शन जारी रहेंगे। हालात अनुकूल होंगे तो वापस आ जाएंगे।
असुरक्षा का माहौल...
इस बीच पीएम पैकेज के तहत एक कर्मचारी अमित कौल ने कहा कि स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। 4 हत्याएं फिर हुई हैं। 30-40 परिवार शहर छोड़कर जा चुके हैं। हमारी मांग पूरी नहीं हुई। उनके (सरकार के) सुरक्षित स्थान केवल शहर के भीतर हैं, श्रीनगर में कोई सुरक्षित स्थान उपलब्ध नहीं है।
एक अन्य व्यक्ति आशु ने कहा कि यहां सुरक्षाकर्मी भी सुरक्षित नहीं हैं, नागरिक खुद को कैसे बचाएंगे। अधिक परिवार श्रीनगर छोड़ देंगे। पुलिस ने कश्मीरी पंडितों के कैंपों को सील कर दिया है।
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