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दिल्ली: अमरनाथ तीर्थयात्रियों का पहला जत्था गुरुवार को जम्मू के यात्री निवास बेस कैंप पहुंच गया। रिपोट्र्स के मुताबिक, शुक्रवार को तीर्थयात्रियों का यह जत्था अमरनाथ गुफा के लिए रवाना होगा। 62 दिनों की अमरनाथ यात्रा पहली जुलाई को शुरू होती है, जो 31 अगस्त को समाप्त होती है। अमरनाथ यात्रा हिंदुओं के लिए एक महत्त्वपूर्ण तीर्थयात्रा है जो अमरनाथ गुफा की यात्रा करते हैं, जिसे भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है। इसकी शुरुआत पहलगाम में नुनवान और कश्मीर के गांदरबल जिला में बालटाल के प्राचीन रास्तों से होगी। इसी बीच अमरनाथ तीर्थयात्रा में इस बार तंबाकू को पूरी तरह से बैन कर दिया गया है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, नेशनल टोबैको कंट्रोल प्रोग्राम के तहत यात्रा को तंबाकू मुक्त बनाने कहा गया है। यात्रा में पडऩे वाले सभी पड़ावों पर तंबाकू प्रोडक्ट्स की बिक्री बैन रहेगी। वहीं अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने भी नियम बनाए हैं, जिनके तहत हाई रिस्क वाले अढ़ाई किमी के रास्ते में यात्रियों को हेलमेट पहनना होगा। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के सीईओ मनदीप कुमार भंडारी के मुताबिक, जो लोग खच्चर से जाएंगे उनके लिए भी हेलमेट जरूरी होगा। हेलमेट श्राइन बोर्ड की तरफ से मुफ्त मुहैया कराए जाएंगे। साथ ही पहाड़ी इलाकों में 30 से ज्यादा ट्रेंड माउंटेन रेस्क्यू टीमों को तैनात किया है। अमरनाथ यात्रा से पहले डीआरडीओ और जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बालटाल और चंदनवाड़ी में 100-100 बिस्तरों के दो अस्पताल बनाए हैं। दोनों अस्पताल सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं। जम्मू-कश्मीर स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा सचिव भूपिंदर कुमार के मुताबिक प्रशासन ने दोनों अस्पतालों के लिए 13-13 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। श्राइन बोर्ड ने 1700 डाक्टरों और पैरामेडिकल कर्मचारियों की तैनाती की गई है। 4000 सफाई कर्मचारी और यात्रा के दोनों मार्गों पर 5100 टॉयलेट्स बनाए गए हैं।
अब तक तीन लाख लोगों ने करवाया रजिस्ट्रेशन
अमरनाथ यात्रा के लिए इस साल 28 जून तक करीब 3.04 लाख लोग रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। यह आंकड़ा पिछले साल से 10 फीसदी ज्यादा है। इस साल कठुआ से लेकर पवित्र गुफा तक एक साथ 70 हजार यात्रियों के ठहरने का इंतजाम किया गया है। इस बार भी पवित्र गुफा के पास रात में किसी यात्री को ठहरने नहीं दिया जाएगा।