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Shirdi शिरडी : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि दिग्गज राजनेता शरद पवार ने 1978 से महाराष्ट्र में विश्वासघात और छल की राजनीति की, जिसका अंत विधानसभा चुनावों में भाजपा की भारी जीत और स्थिर सरकार स्थापित करने के संकल्प से हुआ। शिरडी में राज्य भाजपा सम्मेलन को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने पिछले साल के चुनावों में वंशवाद और विश्वासघात की राजनीति को खारिज कर राकांपा (सपा) प्रमुख पवार और शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे को उनकी जगह दिखा दी। 2024 के विधानसभा चुनाव में भाजपा, राकांपा और शिवसेना के महायुति गठबंधन ने राज्य की 288 सीटों में से 230 सीटें जीतीं। भाजपा 132 सीटों के साथ सबसे आगे रही। विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) 46 सीटों पर सिमट गई, जिसमें राकांपा (सपा) और शिवसेना (यूबीटी) को क्रमश: 10 और 20 सीटें मिलीं। शरद पवार ने 1978 में महाराष्ट्र में दगा-फटकार की राजनीति शुरू की, जिसे 2024 (चुनाव) में लोगों ने नकार दिया।
इसी तरह वंशवाद की राजनीति और उद्धव ठाकरे के विश्वासघात को भी नकार दिया गया। उन्होंने कहा, "लोगों ने 2024 के चुनाव में पवार और उद्धव ठाकरे को उनकी जगह दिखा दी। उन्होंने दोनों को घर भेज दिया और भाजपा के साथ असली शिवसेना और राकांपा को विजयी बनाया।" अविभाजित राकांपा और शिवसेना में हाल के वर्षों में तीखे मतभेद देखने को मिले। शाह ने कहा कि चुनावों ने महाराष्ट्र में "1978 में शुरू हुई अस्थिरता की राजनीति" को भी समाप्त कर दिया। 1978 में शरद पवार, जिन्होंने बाद में राकांपा की स्थापना की, 40 विधायकों के साथ वसंतदादा पाटिल सरकार से बाहर हो गए और मुख्यमंत्री बन गए। शिवसेना (अविभाजित) और भाजपा ने 2019 का विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ा था, लेकिन ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद को लेकर गठबंधन तोड़ दिया।
भाजपा ने इस कदम को लेकर बार-बार उनका मजाक उड़ाया है। भाजपा कार्यकर्ताओं को राज्य में पार्टी की भारी जीत का असली सूत्रधार बताते हुए शाह ने कहा, "आप पंचायत से संसद तक पार्टी की जीत के सूत्रधार हैं। आपको भाजपा को अजेय बनाना है ताकि कोई फिर से उसे धोखा देने की हिम्मत न कर सके।" उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत करने और बड़ी संख्या में महिलाओं और किसानों को जोड़ने पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। शाह ने कहा कि शरद पवार ने सीएम का पद संभाला, कई सहकारी संस्थाओं का नेतृत्व किया और केंद्रीय कृषि मंत्री भी रहे, लेकिन किसान आत्महत्याओं को नहीं रोक सके। उन्होंने कहा, "केवल भाजपा ही यह (किसानों की आत्महत्याओं को रोकना) कर सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के कल्याण के लिए कई योजनाएं बनाई हैं।" केंद्रीय मंत्री ने विपक्ष से कहा कि वे भाजपा सरकार को अपने सभी वादों को पूरा करते हुए देखें और यह सवाल न करें कि यह कैसे किया जाएगा।
"पीएम मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने सुनिश्चित किया कि 550 साल बाद राम लला एक तंबू से मंदिर में चले जाएं। अनुच्छेद 370 (जम्मू और कश्मीर को विशेष अधिकार देने वाला) निरस्त कर दिया गया है और आतंकवाद (घाटी में) समाप्त हो गया है। हमने वादा किया है कि 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद का खात्मा कर दिया जाएगा।'' उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की प्रगति के बिना भारत का विकास संभव नहीं है और राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार इसे पूरा करेगी। शाह ने कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा की जीत के दीर्घकालिक परिणाम होंगे और ऐतिहासिक जीत ने इंडिया समूह के आत्मविश्वास को तोड़ दिया है, जिसमें दो दर्जन से अधिक दल शामिल हैं। दिल्ली, पश्चिम बंगाल, बिहार और महाराष्ट्र में कांग्रेस और सहयोगियों के बीच मतभेदों का हवाला देते हुए शाह ने कहा कि 'इंडी' ब्लॉक का पतन शुरू हो गया है।
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Kiran
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