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दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को निर्देश दिया कि आतंकी फंडिंग मामले में मौत की सजा की मांग करने वाली एनआईए की याचिका के संबंध में आतंकी एवं अलगाववादी नेता यासीन मलिक को जेल से वर्चुअल पेश किया जाए।
सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए जेल अधीक्षक के एक आवेदन को स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट प्रमुख मलिक को व्यक्तिगत रूप से पेश करने की जरुरत नहीं है। वह वर्तमान में आजीवन कारावास की सजा काट रहे है।
उच्च न्यायालय ने 29 मई को मलिक को नौ अगस्त को पेश करने के लिए वारंट जारी किया था, जो वर्तमान में तिहाड़ जेल में इस मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। अब नौ अगस्त को यासीन मलिक वर्चुअल तौर पर पेश होगा।
Sonam
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