जम्मू और कश्मीर

आतंकियों की कहानी: आत्मसमर्पण करने से बच जाती जान, परिजन और अन्य लगाते रहे गुहार

Deepa Sahu
10 Jan 2022 2:31 PM GMT
आतंकियों की कहानी: आत्मसमर्पण करने से बच जाती जान, परिजन और अन्य लगाते रहे गुहार
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कुलगाम जिले के हसनपोरा में सुरक्षाबलों ने रविवार आठ घंटे तक चली मुठभेड़ में अल-बदर के दो स्थानीय आतंकियों को मार गिराया।

कुलगाम जिले के हसनपोरा में सुरक्षाबलों ने रविवार आठ घंटे तक चली मुठभेड़ में अल-बदर के दो स्थानीय आतंकियों को मार गिराया। आईजीपी कश्मीर विजय कुमार ने बताया कि दोनों आतंकी संगठन अल-बदर से बीस दिन पहले जुड़े हुए थे। दोनों की पहचान अब्दुल रशीद ठोकर और इमाद मुजफ्फर वानी के तौर पर हुई है।

अब्दुल रशीद पांच दिसंबर 2021 को अल-बदर में शामिल हुआ। इससे पहले वह मददगार (ओवरग्राउंड वर्कर) तौर पर काम करता था। इमाद 19 दिसंबर 2021 को आतंकी संगठन में शामिल हुआ था। उनसे पुलवामा में पुलिस पार्टी पर हमला किया था। नए साल के पहले सप्ताह में अब तक 13 आतंकी मारे जा चुके हैं.
जिसमें ज्यादातर जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-ताइबा के टॉप कमांडर शामिल हैं। पुलिस के अनुसार, रविवार को सुरक्षाबलों को हसनपोरा गांव में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। इसके बाद सुरक्षाबलों ने शाम को संयुक्त रूप से इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया।
इसी दौरान छिपे दहशतगर्दों ने फायरिंग शुरू कर दी। सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई की। मौसम खराब होने और अंधेरा होने के कारण गांव से आने-जाने के सभी रास्ते सील कर दिए गए। इस बीच रात लगभग एक बजे सुरक्षाबलों की घेराबंदी तोड़कर भागने के प्रयास में दो आतंकी मारे गए। आबादी वाला इलाका होने के कारण सुरक्षाबलों ने बेहद एहतियात बरता।


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