जम्मू और कश्मीर

2023 के अंत तक श्रीनगर बन जाएगा स्मार्ट सिटी

Rounak Dey
5 Jun 2023 5:38 PM GMT
2023 के अंत तक श्रीनगर बन जाएगा स्मार्ट सिटी
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पर्यटकों के लिए और खूबसूरत होगी कश्मीर घाटी

श्रीनगर | कश्मीर की खूबसूरती का दीदार करने पहुंचने वाले सैलानियों को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत अब श्रीनगर का बदला हुआ स्वरूप देखने को मिलेगा। पूरे शहर के ट्रैफिक सिस्टम को दुरुस्त करने के साथ ही पैदल चलने लायक भी बनाया जाएगा। शहर में 100 इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी। हाल में यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर का G20 सम्मेलन आयोजित हुआ है। श्रीनगर के निगम कमिश्नर और श्रीनगर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट लिमिटेड के CEO अथर आमिर खान ने बताया कि करीब 56 प्रोजेक्ट को पूरा किया जा चुका है। साल के अंत तक ज्यादातर प्रोजेक्ट पर काम पूरा कर लिया जाएगा। फिर सिर्फ 16 प्रोजेक्ट पर काम बाकि रह जाएगा, जोकि अगले साल जून 2024 के डेडलाइन तक पूरा कर लिया जाएगा। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर और ब्यूटीफिकेशन के कुल 125 प्रोजेक्ट पर यहां काम हो रहा है। साथ ही शहर में एतिहासिक धार्मिक स्थलों का नए सिरे से कायाकल्प किया गया है।

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नए लुक में दिखेगा लाल चौक का घंटा घर

यहां न केवल यहां ट्रैफिक की स्थिति ठीक होगी, बल्कि पैदल चलने वालों के लिए भी अलग से कॉरिडोर रहेगा। गाड़ियों के लिए मार्बेला स्टोन लगी सड़क रहेगी, जिस पर गाड़ियां को बेहत धीमी स्पीड में गुजरना होगा, ताकि राहगीरों को दिक्कत न हो। नए बन रहे घंटाघर की ऊंचाई भी पहले के मुकाबले अधिक होगी। इस घंटाघर की बनावट भी कश्मीरी निर्माण शैली की होगी।

फॉरेन लुक में दिख रहा पोलो व्यू मार्केट

अमूमन पोलो व्यू मार्केट पहले ट्रैफिक जाम और बारिश के दिनों में जाम से जूझता था। लेकिन अब ड्रेनेज सिस्टम के साथ ही दोनों तरफ की रोड को वाहन मुक्त करके हुए चलने लायक बनाया गया है। पेड़ों के नीचे बैठने के लिए चबूतरे बनाए गए हैं। पेड़ों की जड़ों तक पानी पहुंचाने का भी इंतजाम किया है। पूरी स्ट्रीट पर जगह जगह बैठने के लिए बेंच भी रखे गए हैं।

इस पूरे इलाके के फुटपाथ को इस तरीके से बनाया जा रहा है, ताकि पैदल चलने वालों के साथ ही साइकल सवारों को भी दिक्कत न हो। फुटपाथ ट्रैक को तीन हिस्सों में बांटा गया है, जिसमें सड़क वाली तरफ से सबसे पहले बहुउद्देशीय जोन है, जिसमें बिजली के खंभे और फूलों की क्यारियों के बीच पैदल चला जा सकता है। इस जोन के बाद साइकल ट्रैक बीच के हिस्से में बनाया गया है, जबकि लास्ट में पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ है। डल लेक और झेलम रिवर फ्रंट पर भी जगह-जगह साइकल स्टेशन बनाए गए हैं। जिन्हें ऐप के जरिये से इस्तेमाल किया जा सकता है। कुछ जगहों पर ई-साइकल की भी व्यवस्था की गई है।

झेलम नदी के दोनों तरफ ही श्रीगनर शहर बसा हुआ है और यहां के जीवन का मुख्य अंग है। रिवर फ्रंट पर खूबसूरत लाइटिंग के साथ ही जगह-जगह मॉडर्न कलाकृतियां भी लगाई गई हैं। जगह-जगह पर सेल्फी पॉइंट भी बनाए गए हैं। यहां करीब 1.8 किलोमीटर काम पूरा किया जा चुका है और बाकि में भी काम चल रहा है। इस प्रोजेक्ट का काम अगले साल जून माह तक पूरा कर लिया जाएगा।

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