- Home
- /
- राज्य
- /
- जम्मू और कश्मीर
- /
- श्रीनगर: भारत की आज़ादी...
जम्मू और कश्मीर
श्रीनगर: भारत की आज़ादी के 75वीं वर्षगाँठ पर कल होगा भारतीय सेना का भव्य कार्यक्रम
Admin4
26 Oct 2021 3:07 PM GMT
x
भारत की आज़ादी के 75वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष में 'आजादी का अमृत महोत्सव' के चल रहे स्मरणोत्सव के हिस्से के रूप में भारतीय सेना और वायुसेना कश्मीर घाटी में एक भव्य कार्यक्रम कर रही है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- Jammu Kashmir Grand event: भारत की आज़ादी के 75वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष में 'आजादी का अमृत महोत्सव' के चल रहे स्मरणोत्सव के हिस्से के रूप में भारतीय सेना और वायुसेना कश्मीर घाटी में एक भव्य कार्यक्रम कर रही है. 1947 में 27 अक्टूबर को कश्मीर पर पाकिस्तान समर्थित कबाइलियों के कब्ज़े के बीच श्रीनगर हवाई अड्डे पर सैनिको के हवाई आगमन ने कश्मीर को बचाया था और अब 75 साल के बाद श्रीनगर के एयरफोर्स स्टेशन पर सेना और वायुसेना मिलकर एक बार फिर से 1947 में भारतीय सैनिकों की उस लैंडिंग को यादगार बनाने की कोशिश करेंगे. वीर सैनिकों ने श्रीनगर में कुछ अन्य संबद्ध घटनाओं के साथ-साथ पाकिस्तानी हमलावरों से घाटी को बचाया था.
कार्यक्रम में स्काई डाइविंग और फ्लाई पास्ट
श्रीनगर हवाई अड्डे पर होने वाले कार्यक्रम में कई प्रस्तुति होगी. जिनमें स्काई डाइविंग और फ्लाई पास्ट के साथ साथ सेना के आगमन को दिखाते हुए कार्यक्रम सबसे प्रमुख होगा. 74 साल पहले 27 अक्टूबर को भारतीय सैनिकों की पहली टीम डकोटा परिवहन विमान से श्रीनगर के लिए रवाना हुई थी. ऑपरेशन के पहले चरण में, सिख रेजिमेंट की पहली बटालियन के वीर श्रीनगर हवाई क्षेत्र में उतरे और हवाई क्षेत्र को सुरक्षित किया और बारामूला के पूर्व में एक अवरुद्ध क्षेत्र स्थापित की. तब से इस दिन को हर साल इन्फेंट्री डे के रूप में मनाया जाता है.
क्यों खास है डकोटा विमान
एक डकोटा विमान, जिसके बारे में माना जाता है कि उसने लैंडिंग में भाग लिया था, अब भारतीय वायुसेना के बेड़े में वापस आ गया है, जिसे वर्षों पहले सेवामुक्त किए जाने के बाद श्रमसाध्य रूप से बहाल किया गया था और फिर यूनाइटेड किंगडम से भारत लाया गया था. बहाल किए गए विमान का टेल नंबर वीपी 905 है, जो पहले डकोटा के समान है, जो 1947 में श्रीनगर में उतरा था. उम्मीद की जा रही है कि यह विमान भी कार्यक्रम का हिस्सा होगा. डकोटा ने 1946 से 1987 तक भारतीय वायुसेना की सेवा की थी, जिसमें 200 से अधिक ऐसे विमान समय के साथ खरीदे गए थे. इन सभी युद्धों के साथ-साथ हिमालय और उत्तर-पूर्व में भारतीय वायुसेना के अग्रणी मिशनों में व्यापक भागीदारी देखी गई.
कश्मीर के रक्षक माने जाने वाले परमवीर चक्र से सम्मानित मेजर सोमनाथ शर्मा जिनकी प्रतिमा आज भी श्रीनगर हवाई अड्डे पर लगी हुई है. सेना की टुकड़ी उन्हें श्रद्धांजलि देगी और इसके साथ ही जम्मू कश्मीर को पाकिस्तानी हमलावरों से बचाने में अहम भूमिका निभाने वाले दो और वीरों प्रतिमा का भी अनावरण करने जा रही है. अब लोग ब्रिगेडियर राजिंदर सिंह महावीर चक्र और मकबूल शेरवानी की प्रतिमा को भी श्रीनगर के हवाई अड्डे के बाहर देख सकेंगे जिन्होंने कश्मीर को बचाने में अहम भूमिका निभाई थी.
Next Story