जम्मू और कश्मीर

बरसात के मौसम में सर्पदंश के मामले बढ़ गए

Sonam
11 Aug 2023 6:15 AM GMT
बरसात के मौसम में सर्पदंश के मामले बढ़ गए
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बरसात के सीजन में सर्पदंश के मामलों की बाढ़ आ गई है। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग भी सतर्क हो गया है। बुधवार को विभाग के अधिकारियों ने कठुआ में बैठक कर सर्पदंश से संबंधित मामलों पर जिला अस्पतालों से रिपोर्ट ली और एंटी स्नेक वेनम की स्थिति जानी।

जम्मू संभाग के पांच जिलों और तीन तहसील मुख्यालयों में बरसात का सीजन शुरू होने से लेकर अब तक सर्पदंश के लगभग 305 मामले सामने आ चुके हैं और नौ लोगों की मौत हो चुकी है। डॉक्टरों का कहना है कि ज्यादातर मौतें लोगों की लापरवाही के कारण हुई हैं। परिवारजन मरीज को अस्पताल देरी से लेकर पहुंचते हैं। इससे पहले वह झाड़-फूंक वालों को दिखाने में लगे रहते हैं।

जम्मू संभाग के अस्पतालों में बरसात से पहले ही सांप के जहर को खत्म करने वाली वैक्सीन उपलब्ध करवा दी जाती है, इसलिए लोग सर्पदंश का पता चलते ही नजदीकी अस्पताल में जाएं ताकि जान बचाई जा सके। सर्पदंश के मामलों में कठुआ जिला सबसे आगे है। इसके बाद राजोरी और जम्मू शहर का स्थान है। सांप के डंसने से अब तक सबसे ज्यादा मौतें कठुआ और राजोरी में हुई हैं। कठुआ में इस सीजन में अब तक चार लोगों की जान जा चुकी है जबकि राजोरी में दो लोगों में सर्पदंश से प्राण गंवाए हैं।

कठुआ में दो माह में 223 केस, रोजाना 7 से 10 लोग पहुंच रहे

सर्पदंश के मामलों में कठुआ में सबसे ज्यादा केस सामने आया हैं। सीजन में अब तक यहां स्थित जीएमसी में 223 लोग सांप के डंसने पर पहुंच चुके हैं। कई लोगों का अभी अस्पताल में इलाज चल रहा है। जीएमसी के प्रिंसिपल डॉ. सुरिंदर अत्री ने बताया कि हर साल अप्रैल से सिंतबर तक सर्पदंश के केस सामने आते हैं। अभी रोजाना 5-6 केस मिल रहे हैं। 2 महीने में 200 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।

उन्होंने बताया कि 750 के करीब मरीज जीएमसी में हर सीजन में पहुंचते हैं। इस सीजन में चार लोगों की मौत सर्पदंश के कारण हो चुकी है। जीएमसी में 8600 के करीब एंटी वेनम सिरम के डोज पड़े हैं। इसी तरह से जिले के अन्य सरकारी अस्पतालों व पीएचसी में रोजाना 2-3 मामले आ रहे हैं। जुलाई में यहां 23 केस सामने आए हैं। जिला के सभी अस्पतालों में 2100 से अधिक एवीएस यूनिट उपलब्ध हैं। यहां हर महीने 500 से अधिक डोज प्रयोग हो रही हैं।

उधमपुर, अरनिया और राजोरी में 39 मामले, चार की मौत

उधरमपुर, अरनिया और राजोरी भी सांप के काटने के हॉट स्पॉट हैं। यहां बरसात के सीजन में अब तक 39 मामले सामने आ चुके हैं जिनमें से चार की मौत हो गई है। अन्य को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है। उधमपुर में अब तक 10 केस सामने आएं है और एक की जान गई है। राजोरी में 22 लोगों को सांप काट चुके हैं। यहां दो लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा अरनिया में एक महीने में ही सात मामले सामने आ चुके हैं जिनमें से एक की मौत हो चुकी है।

अरनिया क्षेत्र में कोबरा,रसल वाईपर, कॉमन क्रेट और वाटर स्नेक पाए जाते हैं। इनमें सबसे खतरनाक प्रजाति कोबरा और रसल वाइपर है। ये दोनों सांप न्यूरोटॉक्सिक हैं। इनके डंसने पर सीधा दिमाग पर असर होता है। फेफड़ों में तीव्रता से संक्रमण हो जाता है और शरीर सुन्न होने के बाद मरीज मूर्छित हो जाता है। कॉमन क्रेट और वाटर स्नेक दोनों हीमोटोएक्सिक हैं। इनके काटने के बाद खून के जमने का समय बढ़ जाता है।अंदरूनी रक्त संचार होने का खतरा बन जाता है। खून जमने का साधारण समय 8:00 से 10:00 मिनट से बढ़कर 25 से 30 मिनट हो जाता है जिससे मरीज की जान चली जाती है।

जीएमसी जम्मू में रोजाना सर्पदंश के 2-3 मामले पहुंच रहे

बरसात में बीते दो हफ्ते से जीएमसी जम्मू में रोजाना औसतन 2-3 मामले सर्पदंश के पहुंच रहे हैं। इनमें अधिकांश मामले ग्रामीण क्षेत्रों से रिपोर्ट हो रहे हैं। मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ. फैयाज वानी के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों में खेतों में काम होने से सांपों के काटने के मामले बढ़ जाते हैं। इसमें मरीज की डोज के मुताबिक एंटी स्नेक वीनम दिया जाता है। डॉ. वानी के अनुसार जीएमसी में फिलहाल सर्पदंश के किसी मामले में पीड़ित की मौत नहीं हुई है।

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