जम्मू और कश्मीर

आंधी-तूफान, बारिश और ओलावृष्टि से जनजीवन बेहाल

Kajal Dubey
31 May 2022 10:57 AM GMT
आंधी-तूफान, बारिश और ओलावृष्टि से जनजीवन बेहाल
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अचानक तेज आंधी ने जमकर तबाही मचाई, पहाड़ों से लेकर मैदानों तक जमकर बारिश हुई।
कठुआ। जिले में सोमवार सुबह अचानक तेज आंधी ने जमकर तबाही मचाई है। पहाड़ों से लेकर मैदानों तक जमकर बारिश हुई। कुछ ही घंटे में जिले में 42.5 एमएम बारिश दर्ज की गई। इसी दौरान ओलावृष्टि भी दर्ज की गई है। बिजली ढांचे को जहां व्यापक असर पहुंचा है तो वहीं पेड़ और टहनियां गिरने से कुछ घरों को भी नुकसान पहुंचा है। फिलहाल प्रशासन और संबंधित विभाग नुकसान के आकलन में जुटे हुए हैं।
सोमवार को जिले में बिना पूर्वानुमान के ही मौसम ने अचानक करवट ले ली। पहाड़ी इलाकों में जहां सुबह से ही मौसम बदलना शुरू हो गया तो वहीं मैदानी इलाकों में सुबह 11 बजे के लगभग तेज आंधी के बाद बारिश और ओलावृष्टि हुई। तेज हवाओं की रफ्तार 46 किलोमीटर प्रति घंटे की दर्ज की गई है। जिले में सबसे अधिक असर कठुआ और हीरानगर के इलाकों में हुआ है। जहां कई पेड़ तेज हवा के चलते गिर गए। वहीं आंधी, पानी से बिजली सेवा भी देर शाम तक प्रभावित रही। फिलहाल दूर दराज इलाकों में नुकसान का आकलन जारी है। डीसी राहुल पांडेय ने बताया कि टीमों को नुकसान के आकलन के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही जल्द से जल्द आपात सेवाओं को बहाल करने के भी निर्देश हैं। प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है। फिलहाल किसी भी इलाके से जान माल के नुकसान की जानकारी नहीं है।
बिजली के दो दर्जन खंभे गिरे, तारों को भी नुकसान
तूफान ने बिजली ढांचे पर भी व्यापक असर डाला है। रविवार रात से ही जिले के पहाड़ी इलाकों में जहां तूफान से बिजली लाइनें प्रभावित हुई, वहीं सोमवार दोपहर चले तूफान के चलते देर रात तक कई इलाकों में बिजली सेवा बहाल करने के प्रयास जारी रहे। बिजली विभाग के कार्यकारी अभियंता मदन लाल भगत ने बताया कि हीरानगर और कठुआ के इलाकों में सबसे अधिक नुकसान दर्ज किया गया है। जहां डेढ़ से दो दर्जन खंभों को क्षति पहुंची है। तेज आंधी तूफान के बीच देर रात तक बिजली बहाली के प्रयास जारी हैं। पेड़ों के गिरने से बिजली तारों को क्षति पहुंची है जिसकी बहाली के प्रयास जारी हैं।
आम और लीची की फसल हुई बर्बाद
कठुआ। तेज तूफान ने जिले के मैदानी इलाकों में आम की फसल को व्यापक नुकसान पहुंचाया है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पंद्रह फीसदी तक नुकसान हुआ है जबकि किसानों की मानें तो कई जगह चालीस से पचास फीसदी तक नुकसान सामने आया है। पहाड़ी इलाकों में फलदार पौधों को ओलावृष्टि से आंशिक नुकसान की जानकारी आई है। आम की फसल के बाद लीची की फसल और खट्टे फलों को भी नुकसान की जानकारी है।
एक वरिष्ठ अधिकारी बताया कि भारी तूफान, ओलावृष्टि और बारिश के चलते आम और लीची की लगभग बीस फीसदी फसल को नुकसान पहुंचा है। साथ ही सिटरस फलों की फसल भी प्रभावित हुई है।
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