- Home
- /
- राज्य
- /
- जम्मू और कश्मीर
- /
- भूस्खलन से रुका अमरनाथ...
रामबन जिले में तेज बारिश के दौरान मेहाड़, कैफेटेरिया मोड़ और केला मोड़ में पस्सियां व पत्थर गिरने के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही घंटों तक प्रभावित रही। सुबह के समय करीब तीन घंटे तक राजमार्ग बंद रहा। राजमार्ग के खुलने के बाद पुलिस ने केवल अमरनाथ यात्रियों के वाहनों को चलने की अनुमति दी।
उधमपुर में रोक कर रखे गए ट्रकों को शाम तक घाटी जाने की अनुमति नहीं मिली। रोके जाने पर दिन भर ट्रकों के चालक व सह चालक परेशान रहे। वहीं, जम्मू से रवाना अमरनाथ यात्रा के जत्थे को करीब दो घंटे तक चंद्रकोट में रोक कर रखा गया है और राजमार्ग के खुलने पर घाटी की तरफ रवाना कर दिया गया।
रामबन के कई हिस्सों में देर रात को ही बारिश शुरू हो गई थी और सुबह करीब साढ़े पांच बजे मेहाड़, कैफेटेरिया मोड़ और केला मोड़ इलाके में पस्सियां व पत्थर गिरने से राजमार्ग बंद हो गया। इसके बाद दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लगना शुरू हो गई।
जब पुलिस को इसका पता चला तो यातायात व्यवस्था को बनाए रखने के लिए काम शुरू कर दिया और फोरलेन राजमार्ग का निर्माण कर रही कंपनी की मशीनरी को राजमार्ग खोलने के कार्य में लगा दिया। इसी दौरान तड़के जम्मू से अमरनाथ यात्रियों का जत्था भी घाटी की तरफ रवाना कर दिया।
उधमपुर से होकर जत्था जब सुबह करीब छह बजे रामबन के चंद्रकोट में पहुंचा तो पुलिस ने जत्थे को अमरनाथ यात्रियों के लिए बनाए गए यात्री निवास में रोक दिया, जहां अमरनाथ यात्री सुबह का नाश्ता करने लगे। वहीं घंटों मशक्कत करने के बाद सुबह करीब साढ़े आठ बजे राजमार्ग को खोलने में कामयाबी मिल गई।
पुलिस ने राजमार्ग के खुलने पर अमरनाथ यात्रा के जत्थे को पहले घाटी की तरफ रवाना किया। इसके बाद बीच में रोके गए वाहनों को जम्मू और घाटी की तरफ रवाना किया। इनके गुजरने के बाद घाटी से जम्मू के लिए अमरनाथ यात्रा के जत्थे को छोड़ा गया।
हालांकि राजमार्ग खुलने के बाद भी बार बार पत्थर गिरने पर यातायात प्रभावित हो रहा था। पत्थरों को हटा कर फिर से यातायात को शुरू करवाया जा रहा था। राजमार्ग बंद होने के बाद उधमपुर से ट्रकों के घाटी की तरफ जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था।
दोपहर तक सैकड़ों ट्रक जखैनी, भारत नगर, संगूर, रठियान, बट्टलबालियां, गरनई, मांड, टिकरी में रोक कर रखे गए थे। इनको रोके जाने पर चालकों व सह चालकों को बहुत अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ा। शाम तक चालक आगे जाने की अनुमति मिलने का इंतजार करते रहे।