जम्मू और कश्मीर

लाम नबी बनने जा रहे हैं जम्मू-कश्मीर के अगले उपराज्यपाल? बोले- मैं रोजगार की तलाश में..., आजाद के बयान में छिपे में कई सुराग

SANTOSI TANDI
2 Oct 2023 5:56 AM GMT
लाम नबी बनने जा रहे हैं जम्मू-कश्मीर के अगले उपराज्यपाल? बोले- मैं रोजगार की तलाश में..., आजाद के बयान में छिपे में कई सुराग
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बोले- मैं रोजगार की तलाश में..., आजाद के बयान में छिपे में कई सुराग
जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद को केंद्र शासित प्रदेश का उपराज्यपाल बनाया जा रहा है. आजाद ने कुछ समय पहले ही कांग्रेस से अलग होकर अपनी डीपीएपी पार्टी बनाई है. अब एलजी बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर के लोगों की सेवा करना चाहते हैं. आज़ाद ने साफ़ तौर पर तो नहीं कहा है कि वो पद नहीं लेंगे लेकिन इशारों-इशारों में उन्होंने राज्य की जनता की सेवा की बात करके बहुत कुछ ज़रूर कह दिया है. आपको बता दें कि राज्यसभा से विदाई के वक्त पीएम नरेंद्र मोदी ने भी उनकी तारीफ की और उन्हें साहसी और मेहनती नेता बताते हुए सलाम किया. अनुच्छेद 370 हटने के बाद भी आजाद का रुख अभी भी बीजेपी के लिए कुछ खास नहीं है.
पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि ये सभी खबरें महज अफवाह हैं. मैं राज्य का नागरिक हूं और यहां के लोगों की सेवा के लिए हमेशा तैयार रहूंगा।' इसके अलावा उन्होंने पर्यटन को बढ़ावा देने और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की भी बात कही. उन्होंने कहा कि सूबे के विकास के लिए जरूरी है कि लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा किये जाएं और कानून-व्यवस्था बेहतर तरीके से काम करे.
पार्टी के स्थापना दिवस पर कार्यकर्ताओं को संबोधित किया
पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने अपनी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के स्थापना दिवस पर एक रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल बनने की खबरों पर यकीन न करें. उन्होंने कहा, 'मैं लोगों से अनुरोध करूंगा कि वे अफवाहों पर विश्वास न करें. मैं लोगों की सेवा करना चाहता हूं और यहां मेरी वापसी रोजगार की तलाश में नहीं है।' अब नई अफवाह है कि गुलाम नबी आजाद अगले उपराज्यपाल बनने जा रहे हैं.
आजाद के बयान में कई सुराग छिपे हैं
आजाद ने रैली में भले ही कहा है कि वह एलजी पद के दावेदार नहीं हैं, लेकिन उन्होंने यह साफ कर दिया है कि वह राज्य की राजनीति में सक्रिय रहेंगे. ऐसे में उनके लिए उपराज्यपाल बनने का रास्ता खुला है क्योंकि वह बीजेपी और खासकर पीएम मोदी को लेकर निशाने पर नहीं रहते हैं. बीजेपी उन्हें बड़ा पद दे सकती है क्योंकि सैद्धांतिक तौर पर एलजी का पद सीधे तौर पर दलगत राजनीति से प्रभावित नहीं होता है. आज़ाद कश्मीर के लोकप्रिय नेता हैं और उन्हें राज्य में प्रशासन चलाने का अनुभव है।
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