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जम्मू और कश्मीर
J&K: हैदरपोरा एनकाउंटर पर मुफ्ती सहित विपक्ष ने की न्यायिक जांच की मांग
Deepa Sahu
16 Nov 2021 2:35 PM GMT
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जम्मू और कश्मीर के विपक्षी नेताओं ने हैदरपोरा एनकाउंटर पर अपना आक्रोश व्यक्त किया है।
जम्मू और कश्मीर के विपक्षी नेताओं ने हैदरपोरा एनकाउंटर पर अपना आक्रोश व्यक्त किया है। इस मुठभेड़ में दो आतंकवादी सहित उसके दो सहयोगियों को मार गिराया गया था। नेताओं का कहना है कि वे आतंकवादियों के सहयोगी नहीं, बल्कि आम नागरिक थे। इन्होंने इस कथित हत्या की न्यायिक जांच की मांग की है।
आपको बता दें कि सोमवार की रात सुरक्षा बलों और दो संदिग्ध आतंकवादियों के बीच आमने-सामने के मुठभेड़ में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के मालिक अल्ताफ अहमद और उसी मकान में किराए पर रह रहे मुदासिर गुल भी मारे गए। हालांकि, परिजनों का कहना है कि वे निर्दोष हैं। अहमद के परिवार ने आरोप लगाया कि उन्हें "मानव ढाल" के रूप में इस्तेमाल किया गया था। हालांकि, पुलिस ने दोनों मारे गए नागरिकों को आतंकवादी का सहयोगी करार दिया है।
"How shall I explain it to my brother. He is much younger than I am. He doesnt know anything. He is so attached to his father and so am I." Daughter of Altaf Ahmed who was killed in an Hyderpora encounter. pic.twitter.com/5ILXTGP86D
— Basit Zargar (باسط) (@basiitzargar) November 16, 2021
There have been numerous instances of fake encounters in the past and the questions raised about this #hyderporaencounter need to be answered swiftly & in a credible manner.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) November 16, 2021
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने इसके लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, "निर्दोष नागरिकों को मानव ढाल के रूप में उपयोग करना, उन्हें क्रॉस फायरिंग में मारना और फिर उन्हें आसानी से ओजीडब्ल्यू (ओवर ग्राउंड वर्कर्स) के करार देना अब भारत सरकार की नियम पुस्तिका का हिस्सा है। यह जरूरी है कि सच्चाई को सामने लाने के लिए एक विश्वसनीय न्यायिक जांच की जाए और दण्ड से मुक्ति की इस प्रचलित संस्कृति को समाप्त किया जाए।"नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने हैदरपोरा में हुई मुठभेड़ की निष्पक्ष और विश्वसनीय जांच की मांग की। उन्होंने ट्वीट कर कहा, "मुठभेड़ और मारे गए लोगों के बारे में बहुत सारे सवाल उठाए जा रहे हैं। अतीत में फर्जी मुठभेड़ों के कई उदाहरण सामने आए हैं। इस एनकाउंटर के बारे में उठाए गए सवालों का तेजी से और विश्वसनीय तरीके से जवाब देने की जरूरत है।"
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